टीईटी: उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होगी

  • रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने किया था नियमावली में बदलाव


जागरण ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु अध्यापकों की भर्ती पर हाई कोर्ट की रोक के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की जांच रिपोर्ट को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
विभाग 11 नवंबर को प्रति शपथपत्र के माध्यम से यह रिपोर्ट अदालत के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गया है। हाई कोर्ट ने सोमवार को एक विशेष अपील की सुनवाई करते हुए अग्रिम आदेश तक शिक्षक भर्ती की चयन प्रक्रिया को निलंबित रखने का निर्देश दिया है। स्पेशल अपील में कहा गया है कि शिक्षक भर्ती के लिए राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन को रद कर नये विज्ञापन में चयन का मानक व प्रारूप बदल दिया है। राज्य सरकार ने 13 नवंबर 2011 को आयोजित हुई टीईटी से महज चार दिन पहले नियमावली में संशोधन कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा के साथ चयन का आधार भी मान लिया। बाद में टीईटी के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर हुई जिसमें तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत कई लोग सलाखों के पीछे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने टीईटी में हुई धांधली और उसके सभी पहलुओं पर जांच करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी। उच्च स्तरीय समिति ने ही टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिये जाने की सिफारिश की थी। उच्च स्तरीय समिति की संस्तुति के आधार पर ही सरकार ने नियमावली में संशोधन कर टीईटी को अर्हताकारी परीक्षा का दर्जा दिया। साथ ही, शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थी द्वारा हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड में पाए अंकों को चयन का आधार बनाया गया। चूंकि नियमावली में बदलाव उच्च स्तरीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर किया गया था, इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग अब उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को हाई कोर्ट में प्रति शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत करेगा।
                                                          (साभार-दैनिक जागरण)
टीईटी: उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होगी Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:35 AM Rating: 5

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