स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को छह माह के लिए पढ़ाएंगे रिटायर्ड शिक्षक : हर महीने चार हजार रुपये मानदेय
- स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को पढ़ाएंगे रिटायर्ड शिक्षक
लखनऊ।
बीच सत्र में पढ़ाई छोड़ देने वाले और स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को
पढ़ाई से जोड़ने के लिए एक और प्रयोग की तैयारी है। ऐसे बच्चों को उनकी
उम्र के आधार पर पढ़ाने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों को रखा जाएगा। ऐसे शिक्षक
छह माह के लिए रखे जाएंगे और इस दौरान उन्हें हर महीने चार हजार रुपये
मानदेय दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य परियोजना निदेशालय
प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास मंत्रालय में
मार्च में होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा।
चार
हजार रुपये मानदेय पर रखे जाने वाले रिटायर्ड शिक्षकों को स्कूल छोड़ने
वाले 10-15 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। किसी स्थान पर अगर
ऐसे बच्चों की संख्या 10 से कम है तो मानदेय आधा मिलेगा। यानी दो हजार
रुपये महीने के मानदेय पर शिक्षक को रखा जाएगा। शिक्षक उन्हीं को रखा जाएगा
जो उसी क्षेत्र के हों और बच्चों को पढ़ाने की स्थिति में हों।
यदि
किसी गांव में रिटायर्ड शिक्षक नहीं हैं तो पास के परिषदीय स्कूल के
शिक्षक को इस काम में लगाया जाएगा। लेकिन परिषदीय स्कूल के शिक्षक को इसके
एवज में अलग से कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा।
इसलिए पड़ी जरूरत
मिड-डे
मील, मुफ्त यूनिफॉर्म व किताबें देने के बावजूद औसतन हर साल दो लाख से ढाई
लाख बच्चे सूबे में स्कूल छोड़ देते हैं। गरीब व मजदूरों के बच्चों के
दाखिले के लिए विशेष अभियान चलाए जाने के बावजूद भी इसमें अपेक्षित सुधार
नहीं हो पा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान का राज्य परियोजना निदेशालय की इस
प्लानिंग के तहत यह रणनीति है कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों को उम्र के आधार पर
अलग से पढ़ाकर उन्हें पढ़ाई के लिए तैयार किया जाए और बाद में उन्हें
स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए। माना जा रहा है कि अलग से पढ़ाने से ऐसे
बच्चों को आसानी से समझ में आएगा और उनका पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ेगा।
खबर साभार : अमर उजाला
स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को छह माह के लिए पढ़ाएंगे रिटायर्ड शिक्षक : हर महीने चार हजार रुपये मानदेय
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
10:14 AM
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