अफसर खुद बताएं कहां चाहते हैं तैनाती, ताश की पत्तों की तरह नहीं फेंटे जाएंगे शिक्षा महकमे के अफसर
इलाहाबाद : प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की तरह शिक्षा महकमे के अफसर ताश की पत्तों की तरह नहीं फेंटे जाएंगे, बल्कि उन्हें मनचाहे जिले और जगह पर तैनाती देने की तैयारी है। यह जरूर है कि वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत जिला और मंडल के अफसरों को इधर से उधर जाना पड़ेगा। महकमे ने समूह ‘क’ के अफसरों से मनचाहे जिले में जाने का तीन विकल्प मांगा है।
प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा महकमे में बदलाव होने जा रहा है। अभी तक यूपी बोर्ड की परीक्षा, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन व रिजल्ट तैयार कराने में सभी व्यस्त रहे हैं। नया सत्र जुलाई से शुरू होना है इसलिए जून में ही अफसरों को इधर से उधर किया जाएगा। कुछ दिन पहले शिक्षा निदेशालय में अफसरों का पूरा ब्योरा कंप्यूटराइज्ड किया गया है। निदेशालय, जिला व मंडलों पर तैनात अफसरों ने अपनी तैनाती का पूरा विवरण पत्रक में भरकर निदेशालय में जमा किया है। इसमें हर अफसर ने सेवा शुरू होने से लेकर अब तक कब और कहां तैनात रहा है इसका पूरा ब्योरा दिया है।
इससे सूबे की सरकार को यह भी पता चला है कि सपा या फिर बसपा शासनकाल में किन अफसरों को मलाईदार जगहों पर तैनाती मिली थी। कौन से ऐसे अफसर हैं जो दोनों सरकारों के चहेते रहे हैं और वह कौन अधिकारी हैं जो लगातार हाशिये पर रखे गए। साथ ही अफसरों की सेवा विवरणिका से जवाबदेही तय करने में भी सहूलियत मिली है। माध्यमिक शिक्षा के निदेशक अमरनाथ वर्मा ने बीते सप्ताह प्रदेश के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि शासन की वार्षिक स्थानांतरण के तहत फेरबदल होना है। इसलिए समूह ‘क’ के अफसरों से तीन जिलों का विकल्प लेकर उन्हंे ई-मेल के जरिये भेजा जाए, ताकि अफसरों को मनचाही तैनाती मिल सके।
⚫ 120 अफसरों पर अनुशासनिक कार्रवाई
माध्यमिक शिक्षा महकमे में ‘क’ समूह के अफसरों की भरमार है। जिला विद्यालय निरीक्षक से लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर तक के अफसर इस श्रेणी में आते हैं। इनमें से करीब 120 अफसर ऐसे हैं जिन पर अनुशासनिक कार्रवाई लंबित है। ऐसे अफसरों को दायित्व मिलने की उम्मीद बहुत कम है। हालांकि तीन जिलों का विकल्प सभी का भेजा जा रहा है।
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