नंगे पांव और खाली हाथ स्कूल जाएंगे बच्चे, सरकार की तैयारियों के बावजूद सारे प्रयास कागजी, जूते-मोजे का टेंडर निरस्त, समय से पुस्तक वितरण भी संदेह के घेरे में

लखनऊ : नया शिक्षा सत्र शुरू होने में पखवाड़ा भर बाकी है। नई उम्मीदों के साथ नौनिहाल नई कक्षा में पढ़ाई करने की उम्मीद संजोए हैं, सरकार भी सत्र की तैयारियों में जुटी है। खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने जुलाई के पहले सप्ताह में किताबें और जूते मोजे बच्चों को उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर दिया है। वास्तव में सरकारी तैयारियां सिर्फ कागजी ही प्रतीत हो रही हैं।




15 जून (गुरुवार) को जूते-मोजे का टेंडर निरस्त कर दिया गया जबकि समय पर पुस्तक वितरण होने पर भी संदेह बरकरार है।  कक्षा एक से आठ तक के गरीब बच्चों को जूते और मोजे उपलब्ध कराने के मकसद से 14 जून 2017 को बेसिक शिक्षा परिषद ने 289 करोड़ का टेंडर आमंत्रित किया। टेंडर में इच्छुक फर्मो को 26 जून 17 तक निविदा में शामिल होने का मौका दिया गया। मगर एक दिन बाद ही 15 जून गुरुवार 2017 को कई फार्मो ने विभाग को शिकायत की वेबसाइट पर टेंडर प्रदर्शित नहीं हो रहा है। इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि गुणवत्ता सुधार के दृष्टिकोण से टेंडर निरस्त किया गया है। नई टेंडर प्रक्रिया में और अधिक मानकों का ध्यान रखा जाएगा। बच्चों को अधिक गुणत्तापूर्ण जूते-मोजे मिल सके।

नंगे पांव और खाली हाथ स्कूल जाएंगे बच्चे, सरकार की तैयारियों के बावजूद सारे प्रयास कागजी, जूते-मोजे का टेंडर निरस्त, समय से पुस्तक वितरण भी संदेह के घेरे में Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:37 AM Rating: 5

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