देश के 11 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा एनआइओएस (NIOS) को, अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का प्रशिक्षण मिलेगा

⚫  अब प्रशिक्षण के लिए 31 मार्च 2019 तक का अंतिम मौका

⚫  उसके बाद भी प्रशिक्षण नहीं लिया तो जाएगी नौकरी



नोएडा : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) ने देश के 11 लाख से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा एनआइओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) को सौंपा है। ये शिक्षक अभी विभिन्न राज्यों के सरकारी और निजी स्कूलों में बिना प्रशिक्षण के पढ़ा रहे हैं। अब सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में संशोधन कर इन्हें अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण के लिए आखिरी मौका दिया है। निर्धारित समय सीमा के अंदर प्रशिक्षण न पूरा करने वाले शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। 




प्रशिक्षण का जिम्मा मिलने के बाद एनआइओएस ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अधिकारियों का कहना है कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो वर्षीय कोर्स का पहला सेमेस्टर तीन अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इससे पहले राज्य सरकारों को अपने यहां के अप्रशिक्षित शिक्षकों का पंजीकरण एनआइओएस में कराना होगा। 




ऑनलाइन होगी पढ़ाई, ऑफलाइन परीक्षा : एनआइओएस के अधिकारियों ने बताया कि अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एमएचआरडी के स्वयंप्रभा प्लेटफॉर्म की मदद ली जाएगी। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर टेक्स्ट और ऑडियो-विजुअल पाठ्य सामग्री तो उपलब्ध ही होगी। साथ ही शिक्षकों का लेक्चर और उनसे बातचीत का लिंक भी होगा। इसके अलावा स्वयंप्रभा प्लेटफॉर्म पर एनआइओएस के चैनल पर 24 घंटे विभिन्न विषयों के लेक्चर भी प्रसारित किए जाएंगे। अभ्यर्थियों को इसके माध्यम से पढ़ाई करनी होगी। हालांकि प्रत्येक सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी। इसके लिए हर राज्य में केंद्र बनाए जाएंगे। 




केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) ने सभी राज्यों के अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की अहम जिम्मेदारी हमें दी है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। ~ प्रो. सीबी शर्मा, चेयरमैन, एनआइओएस






सर्वाधिक अप्रशिक्षित शिक्षक यूपी, बिहार और बंगाल में  अभी विभिन्न राज्यों में कुल 1109444 अप्रशिक्षित शिक्षक पढ़ा रहे हैं। इसमें 511679 सरकारी और 597765 प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत हैं। राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश की हालत सबसे बदतर है। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 15559 व प्राइवेट स्कूलों में 128258 अप्रशिक्षित शिक्षक हैं। वहीं अगर उप्र की बात करें तो यहां 143817 ही प्रशिक्षित शिक्षक हैं।


देश के 11 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा एनआइओएस (NIOS) को, अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का प्रशिक्षण मिलेगा Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 7:04 AM Rating: 5

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