शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ कर हो सकता है 15 हजार, विभाग द्वारा ली गयी विधिक राय के अनुसार बिना टीईटी के सामायोजन सम्भव नहीं
⚫ शिक्षामित्रों और सीएम के बीच हुई बैठक
⚫ मंगलवार को सीएम योगी से शिक्षामित्रों ने की मुलाकात
⚫ समायोजन आसान नहीं
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों के दो प्रमुख संगठनों आदर्श समायोजित शिक्षक वेल्फेयर असोसिएशन और शिक्षा मित्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को बैठक की। बैठक में शिक्षा मित्रों को समझाने के साथ ही उन्हें राहत दिए जाने के कई विकल्प दिए गए। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल कोई निर्णय हो जाने तक मानदेय बढ़ाकर 15 हजार रुपये तक किए जाने का आश्वासन सरकार ने दिया है। अभी इनको 3500 रुपये मानदेय मिलता है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि सरकार चाहे तो नई भर्ती में इनको उम्र में छूट और 20 प्रतिशत का वेटेज दे सकती है। शिक्षा मित्रों के लिए अलग से स्पेशल टीईटी परीक्षा कराने का सुझाव भी रखा गया है।
शिक्षा मित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रद कर दिया गया था। तब से प्रदेशभर में शिक्षा मित्र आंदोलन कर रहे हैं। स्कूलों में पढ़ाई ठप है और वे सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले हफ्ते अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा आरपी सिंह के साथ शिक्षकों की बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने साफ कहा था कि इस मामले में निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ही किया जाएगा। फिलहाल, उन्हें पुराने पद पर लौटना होगा। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की बात कही थी। उनके साथ शिक्षा मित्रों की वार्ता असफल हो गई थी।
हमें सरकार पर भरोसा है। आंदोलन 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। शिक्षा मित्र बुधवार से स्कूलों में पढ़ाएंगे। - जितेंद्र शाही, अध्यक्ष, आदर्श समायोजित शिक्षक वेल्फेयर असोसिएशन
समायोजन आसान नहीं : शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक जो विधिक राय ली गई है, उसके अनुसार बिना टीईटी शिक्षा मित्रों को समायोजित नहीं किया जा सकता। इन्हें नई भर्ती प्रक्रिया के जरिए ही बतौर शिक्षक समायोजित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में रहकर ही कोई भी राहत दी जा सकती है। वहीं, मानदेय बढ़ाने का निर्णय सरकार अपने स्तर से कर सकती है लेकिन इसके लिए आर्थिक बोझ प्रदेश सरकार को वहन करना होगा।
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