फाइलों में फंसी शिक्षामित्रों के मानदेय की बढ़ोतरी, सर्व शिक्षा अभियान ने दस हजार रुपये मानदेय को दी मंजूरी, 26 हजार गैर समायोजित शिक्षामित्रों को मिलना था लाभ
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे 26504 गैर समायोजित शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि का मामला फाइलों में फंसकर रह गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) से मानदेय वृद्धि को मंजूरी मिलने के ढाई महीने के बाद भी शिक्षामित्रों को बढ़ा मानदेय नहीं मिल सका है।सर्व शिक्षा अभियान के उत्तर प्रदेश राज्य परियोजना निदेशालय ने भाजपा सरकार बनने के बाद गैर समायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार करने और उच्च प्राथमिक स्कूलों के अनुदेशकों का मानदेय 8470 से बढ़ाकर 17 हजार रुपये करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
13 व 14 अप्रैल को नई दिल्ली में पीएबी की बैठक में मानदेय वृद्धि को मंजूरी दी गई थी। पीएबी में लिए गए निर्णय 15 मई को सार्वजनिक किए गए। लेकिन उसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने मानदेय वृद्धि पर 17 बिन्दुओं की आपत्ति लगा दी। सूत्रों के अनुसार 17 में से 13 बिन्दुओं की आपत्ति का जवाब सर्व शिक्षा अभियान की ओर से तैयार किया जा चुका है। चार बिन्दुओं पर लगी आपत्ति का जवाब वित्त विभाग को अभी देना है।
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