पांच हजार सरकारी स्कूलों में होगी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई स्कूलों को चिह्नित कर हर ब्लाक में चलेंगे पांच-पांच स्कूल , शिक्षकों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण
लखनऊ । कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर अब प्रदेश के बेसिक शिक्षा के पांच हजार स्कूलों में अगले सत्र से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करायी जाएगी। इसके लिए ब्लाक स्तर पर पांच-पांच स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा। प्रदेश की बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के तकरीबन डेढ़ लाख सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए फोकस किया गया है।
अंग्रेजी माध्यम के स्कूल अलग से नहीं खोले जाएंगे, बल्कि जो विद्यालय बेहतर काम कर रहे हैं, वहां के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू करायी जाएगी। उन्होंने कहा छह महीने के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग ने कई उपलधियां हासिल की हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों को पंजीकरण एक करोड़ 53 लाख के पार हो चुका है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में अब तक 27 हजार बच्चों का मुफ्त प्रवेश कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, बच्चों की यूनीफार्म से लेकर उन्हें समय पर पुस्तकें, स्कूूल बैग वितरित कराया जाएगा। अब उन्हें जूता-मोजा के साथ हर सर्दी में वचाव के लिए स्वेटर भी दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो चुकी है। डेढ़ लाख से ज्यादा स्कूलों के अध्यापन में 5.63 लाख शिक्षक तैनात हैं, इनमें शिक्षामित्र भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि सभी एक करोड़ 53 लाख 85 हजार 541 बच्चों को जूता-मोजा मुहैया कराया जाएगा। मिड डे मील सिस्टम से ली जा रही एक लाख से ज्यादा शिक्षकों की हाजिरी : श्रीमती जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में आईवीआरएस सिस्टम से मिड डे मील का ब्योरा जुटाया जाता है अब उसी सिस्टम से शिक्षकों की हाजिरी भी लेनी शुरू की गयी है और प्रदेश में अभी एक लाख से ज्यादा शिक्षकों की हाजिरी इसमें होने लगी है। उन्होंने बताया कि मिड डे मील के मीनू में अभी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
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