हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालयों की जांच करके सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने का दिया निर्देश, हॉस्टलों की दशा खराब होने की शिकायत
हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालयों की जांच करके सात दिन के भीतर रिपोर्ट देने का दिया निर्देश, हॉस्टलों की दशा खराब होने की शिकायत।
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद उप्र की ओर से संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के हॉस्टल की दशा और उपलब्ध सुविधाओं की स्थलीय जांच कर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी की निगरानी में एसडीएम 10 दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करें और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, सात अगस्त को कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दें।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने एटा के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय अवग्रह की वार्डेन आरती यादव की याचिका पर दिया है। याचिका में याची की संविदा पर नियुक्ति निरस्त करने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई है। याची का कहना है कि उसके जवाब पर विचार किए बिना ही सेवा समाप्त कर दी गई। विपक्षी अधिवक्ता ने 19 मार्च 2018 की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि छात्रओं के हॉस्टल में भारी अनियमितताएं है। सुविधाओं का अभाव है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि तमाम अनियमितता और अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के क्या उपाय किए गए हैं।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव से पूछा है कि बेसिक शिक्षा परिषद कितने हॉस्टलों का संचालन कर रहा है। इनमें सुविधाओं के शासनादेश क्या है। मौके पर जाकर हॉस्टल भवन, कमरों, टॉयलेट, मेस में खाने की गुणवत्ता वार्ड की सुरक्षा व सुविधाओं पर रिपोर्ट दी जाए। यह भी बताया जाए कि जांच में मिली खामियों को ठीक करने के क्या कदम उठाए जा रहे हैं। याचिका की सुनवाई सात अगस्त को होगी।
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