पूरी हुई आस मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद जारी किया गया शासनादेश, मूल तैनाती स्थान पर पांच तक वापस होंगे शिक्षामित्र
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अरसे से अपनी मूल तैनाती के विद्यालय में वापस जाने की बाट जोह रहे प्रदेश के 1.37 लाख शिक्षामित्रों की यह हसरत पूरी होने जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती के विद्यालय में वापस भेजने का शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया है। शासन ने यह कार्यवाही पांच अगस्त तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
शासनादेश में सभी शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती के स्थान पर वापस तैनात करने के लिए कहा गया है। शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान तैनाती के स्थान पर बने रहने का विकल्प भी दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि यदि शिक्षामित्र अपनी मूल तैनाती के स्थान वाले विद्यालय में जाना चाहते हैं तो उन्हें उस विद्यालय में तैनात कर दिया जाए। यदि मूल तैनाती के विद्यालय में अधिक शिक्षक तैनात हैं तो जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन अन्यत्र कर दिया जाए। महिला शिक्षामित्रों को अतिरिक्त विकल्प दिया गया है कि यदि उसी जिले में उनकी ससुराल या पति का घर है और वे उस स्थान के विद्यालय में जाना चाहती हैं तो उन्हें वहां पर तैनात कर दिया जाए।
शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए परिषदीय स्कूलों में वर्ष 2010 तक मानदेय पर शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी। शिक्षामित्र अपने गांव या पास के स्कूल में तैनात किये गए थे। वर्ष 2014 में शिक्षामित्रों का शिक्षक पद पर समायोजन होने पर उन्हें दूसरे विद्यालयों में भेज दिया गया था। 1सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद किये जाने के बाद शासन ने 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश जारी किया था। समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्र अपनी मूल तैनाती के विद्यालय में वापसी की माग कर रहे थे। यह प्रकरण शासन स्तर पर लंबित था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद विभाग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है।’मौजूदा स्थान पर बने रहने का विकल्प भी दिया’प्रदेश भर में तैनात हैं 1.37 लाख शिक्षामित्रों
No comments:
Post a Comment