शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सियासत की जमीन पर सत्ता पक्ष और विपक्ष का ट्विटर युद्ध

शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सियासत की जमीन पर सत्ता पक्ष और विपक्ष का ट्विटर युद्ध। 


■ शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सियासत की जमीन पर ट्विटर वॉर अखिलेश बनाते रहे मुद्दा


■ जैसे-जैसे सियासी पारा गर्मा रहा है सरकारी स्कूलों में लगभग 1.70 लाख शिक्षामित्र और 33 हजार अनुदेशकों की समस्याएं सभी विपक्षी दलों को याद आ रही हैं और अब इनके बीच रार छिड़ी है।.


■ प्रियंका गांधी ने सोमवार को शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों की समस्याओँ पर ट्वीट कर इसे ताजा कर दिया, जबकि अखिलेश एक दिन पहले ही शिक्षा मित्रों के बारे में ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोल चुके हैं।.


शिक्षा मित्रों का रोज़ होता है अपमान: कांग्रेस महासचिव व पूर्वी यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने सोमवार को यूपी के शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की समस्याओं पर ट्वीट कर चिंता जताई। शिक्षामित्रों के साथ एक फोटो साझा करते हुए कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्रों की मेहनत का रोज़ अपमान होता है, सैकड़ों पीड़ितों ने आत्महत्या कर डाली। जो सड़कों पर उतरे सरकार ने उन पर लाठियां चलाई, रासुका दर्ज किया। भाजपा के नेता टीशर्टों की मार्केटिंग में व्यस्त हैं। काश, वे अपना ध्यान दर्दमंदों की ओर भी डालते। वहीं अनुदेशकों की समस्याओं भी ट्वीट किया कि मैं लखनऊ में कुछ अनुदेशकों से मिली। मुख्यमंत्री ने उनका मानदेय 8470 से 17,000 रुपये की घोषणा की थी। मगर आज तक अनुदेशकों को मात्र 8470 ही मिलता है। अनुदेशकों की आवाज गुम हो गई है।.


■  2017 में सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के समायोजन को अवैध घोषित किया।  अब शिक्षामित्र अपने लिए स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। मांग है कि टीईटी और लिखित परीक्षा से छूट देने के लिए अध्यादेश लाया जाए। .

■ भाजपा सरकार ने अगस्त् 2017 से मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया।.

■ लगभग 25 हजार शिक्षामित्र शिक्षकों के पदों पर लिखित परीक्षा के जरिये से चुने जा चुके हैं। 


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी ट्वीट कर शिक्षामित्रों के प्रति चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा मित्र, अनुदेशक, यूपी टीईटी 2011, शिक्षा प्रेरक, यूपी बीपीएड धारकों को स्थायी रोजगार चाहिए, न की चौकीदार। 2012 के विधानसभा चुनाव में शिक्षामित्रों के समायोजन का मुद्दा सपा के घोषणापत्र का हिस्सा बना और सरकार में आने के बाद अखिलेश ने शिक्षामित्रों के समायोजन करवाया।


प्रदेश में 33 हजार अनुदेशक आरटीई एक्ट के तहत रखे गये। इन्हें 8470 रुपये मानदेय दिया जाता है। हालांकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत केन्द्र सरकार ने मानदेय बढ़ा कर 17 हजार रुपये कर दिया है लेकिन अब भी राज्य सरकार इन्हें पुराना मानदेय देती है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सत्ता संभालने के बाद कई बार शिक्षामित्र संगठनों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। भाजपा सरकार ने शिक्षामित्रों को रियायत देते हुए लिखित परीक्षा में अधिकतम भारांक देने का भी फैसला किया है। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी भी बनाई लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। 



शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सियासत की जमीन पर सत्ता पक्ष और विपक्ष का ट्विटर युद्ध Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:30 AM Rating: 5

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