ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा 9 महीने का विशेष प्रशिक्षण, 01 अगस्त से शुरू होगा अभियान
आउट ऑफ स्कूल बच्चों को पढ़ाएंगे वॉलंटियर, चार हजार प्रति महीने मिलेगा मानदेय, विशेष प्रशिक्षक के रुप में रखे जाएंगे सेवानिवृत्त शिक्षक, प्रबंध समिति करेगी प्रशिक्षक का चयन
स्कूलों से मुंह मोड़ने वाले छह से 14 आयु वर्ग के आउट ऑफ स्कूल और ड्रॉप आउट बच्चों को तलाश करने के बाद नामांकन कराया जाएगा। पांच से अधिक आउट ऑफ स्कूल बच्चे मिलने पर विशेष प्रशिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त अध्यापक या वॉलंटियर रखे जाएंगे। इन्हें चार हजार रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे।
विशेष प्रशिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त अध्यापक के चयन को वरीयता दी जाएगी। ऐसे शिक्षक के रुचि नहीं लेने पर वॉलंटियर का चयन होगा। विद्यालय प्रबंध समिति की चार सदस्यीय उप समिति चयन करेंगी। वालंटियर को स्नातक के साथ डीएलएड, बीटीसी, बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी को वरीयता दी जाएगी।
नोडल अध्यापक व विशेष प्रशिक्षक को ब्लॉक स्तर पर बच्चों का विशेष प्रशिक्षण अगस्त महीने से शुरू होगा। विशेष प्रशिक्षण केंद्र में नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को अन्य छात्र-छात्राएं की तरह सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बताया कि चयन के लिए आवेदन फार्म जमा करने की सूचना विद्यालय, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की जाएगी। चार हजार रुपये प्रति महीने के मानदेय देने के साथ ही अगले वर्ष 31 मार्च को सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
68913 आउट ऑफ स्कूल बच्चों को प्रशिक्षित करेगा बेसिक शिक्षा विभाग, 01 अगस्त से विशेष अभियान
लखनऊ। राजधानी में बेसिक शिक्षा विभाग आउट ऑफ स्कूल में चिह्नित किए गए बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देगा। जिससे वे अपनी बौद्धिक क्षमता के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर सकें। इसके लिए 1 अगस्त से विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में महानिदेशक कंचन वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य में 68913 बच्चे आउट ऑफ स्कूल के तौर पर चिन्हित किए हैं।
ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा 9 महीने का विशेष प्रशिक्षण, 01 अगस्त से शुरू होगा अभियान,
शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को नियमित स्कूल शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा
68 हजार से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए एक अगस्त से अभियान
स्कूल से छूटे हुए बच्चों को दिया जाएगा नौ माह के ब्रिज कोर्स के जरिये विशेष प्रशिक्षण
राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया निर्देश
लखनऊः प्रदेश में आउट आफ स्कूल करीब 68,913 बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ने के लिए एक अगस्त से विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। निर्माण कार्य, मजदूरी, अन्य काम या भीख मांगने जैसे कारणों से ये बच्चे स्कूलों से दूर हैं। विशेष प्रशिक्षण से इन्हें दोबारा स्कूल से जोड़ा जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यह अभियान अगले वर्ष 31 मार्च तक चलेगा।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत यूनिसेफ के सहयोग से 'शारदा पोर्टल' विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से सात से 14 वर्ष की आयु के उन बच्चों को चिह्नित किया जाता है जो पिछले 45 दिन से अधिक समय से बिना किसी सूचना के स्कूल नहीं आ रहे हैं। उन्हें आउट आफ स्कूल माना गया है। इन बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार उचित कक्षा में दाखिला दिलाया जाएगा। इसके लिए उन्हें नौ माह का ब्रिज कोर्स का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे नियमित कक्षा में पढ़ने के योग्य बन सकें। ऐसे बच्चों के प्रशिक्षण के लिए हर स्कूल में एक नोडल शिक्षक नामित किया जाएगा जो बच्चों के प्रशिक्षण और प्रबंधन का जिम्मा संभालेंगे।
यदि किसी विद्यालय में पांच से कम बच्चे हैं, तो नोडल शिक्षक ही उन्हें पढ़ाएंगे। यदि संख्या पांच से अधिक होती है, तो स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से विशेष प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। विशेष प्रशिक्षक सेवानिवृत्त शिक्षक या इच्छुक वालंटियर हो सकते हैं। उन्हें 4000 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। यह नियुक्ति अगले वर्ष 31 मार्च तक अस्थायी रहेगी।
शैक्षिक सत्र 2025-26 में 07-14 वय वर्ग के चिन्हित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को विद्यालयों में नामांकन के उपरान्त उन्हें विशेष प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में
ड्राप आउट बच्चों को मिलेगा 9 महीने का विशेष प्रशिक्षण, 01 अगस्त से शुरू होगा अभियान
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:23 AM
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