उन्नाव के परिषदीय स्कूलों में खरीद घोटाला, पूर्व बीएसए और फर्म के खिलाफ गबन का केस
जांच में कई गुना ज्यादा दाम दिखाकर खरीद का हुआ खुलासा
उन्नाव से एमएलसी सुनील सिंह साजन ने खरीद पर सवाल उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी शिकायत।
छात्र संख्या रकम
25 छात्र "12,500
50 छात्र "25,000
100 छात्र "50,000
100 से ज्यादा "75,000
छात्र संख्या के अनुसार थी ग्रांट
जांच रिपोर्ट में हुए ये खुलासे
गर्दन बचाने को बना रहे शिक्षकों पर दबाव
बताया जा रहा है कि खरीद घोटाला सामने आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अपनी गर्दन बचाने के लिए शिक्षकों पर फर्जी बिल देने का दबाव बना रहे हैं। शिक्षकों से कहा जा रहा है कि वे स्पोर्ट्स और पुस्तकालय अनुदान के मद से बिल तैयार करने की बात कह रहे हैं, जिससे यह साबित किया जा सके कि एक ही फर्म से यह खरीद नहीं की गई है।• खरीद सूची से हटकर जिलास्तर पर एक अन्य सूची बना ली गई, जिसमें 17 की जगह 10 क्रम ही दिए गए थे• ज्यादातर बिल वाउचर जौनपुर की फर्म मेसर्स मां वैष्णो के लगाकर सामान की सप्लाई दिखाई गई• सभी सामग्री बाजार से कई गुना अधिक मूल्य पर खरीदी गई• बिल वाउचर में जीएसटी का उल्लेख नहीं• प्रधान शिक्षकों ने बताया कि बीईओ द्वारा एक फर्म से खरीदारी का दबाव बनाया गया
स्कूलों में बिना सामान खरीदे फर्जी बिल लगाकर शिक्षकों से चेक लिए जाने की बात सामने आई।
इसके बाद डीएम देवेंद्र पांडेय ने सभी एसडीएम से जांच करवाई, जिसमें फर्जी बिलों के जरिए भुगतान की बात सामने आई। राज्य परियोजना निदेशक (बेसिक शिक्षा) विजय किरन आनंद के निर्देश पर प्रभारी बीएसए राकेश कुमार ने तत्कालीन बीएसए बीके शर्मा व जौनपुर की फर्म मां वैष्णो एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।• एनबीटी, उन्नाव : जिले के 2,305 प्राइमरी और 832 जूनियर स्कूलों की कंपोजिट ग्रांट की बंदरबांट के मामले में तत्कालीन बीएसए व माल सप्लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रभारी बीएसए की तहरीर पर नगर कोतवाली में दर्ज एफआईआर में शासकीय संपत्ति का गबन करने की बात कही गई है। समिति ने राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
परिषदीय स्कूलों में कुर्सी-मेज, टाट पट्टी, शिलापट, चॉक, स्टेशनरी, बाल्टी, कूड़ादान, एमडीएम के बर्तन व खेल किट की खरीद के लिए ने 9.73 करोड़ रुपये की कंपोजिट ग्रांट जारी की थी। खरीदारी का जिम्मा स्कूलों के हेडमास्टर को दिया गया था, लेकिन इसमें जमकर खेल हुआ। आरोप हैं कि सप्लायर फर्म के साथ मिलीभगत कर सामान की कई गुना ज्यादा कीमत दिखाकर बिलों का भुगतान करवाया गया। इसकी शिकायत सपा एमएलसी सुनील सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल से की थी। शासन से 25 सितंबर को मिड-डे मील प्राधिकरण के उपनिदेशक उदयभान और सर्वशिक्षा अभियान के अवर अभियंता सरोजानंद की टीम ने नवाबगंज, हसनगंज, बिछिया, मियागंज, फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के स्कूलो की जांच की थी।
उन्नाव से एमएलसी सुनील सिंह साजन ने खरीद पर सवाल उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी शिकायत।
छात्र संख्या रकम
25 छात्र "12,500
50 छात्र "25,000
100 छात्र "50,000
100 से ज्यादा "75,000
छात्र संख्या के अनुसार थी ग्रांट
जांच रिपोर्ट में हुए ये खुलासे
गर्दन बचाने को बना रहे शिक्षकों पर दबाव
बताया जा रहा है कि खरीद घोटाला सामने आने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) अपनी गर्दन बचाने के लिए शिक्षकों पर फर्जी बिल देने का दबाव बना रहे हैं। शिक्षकों से कहा जा रहा है कि वे स्पोर्ट्स और पुस्तकालय अनुदान के मद से बिल तैयार करने की बात कह रहे हैं, जिससे यह साबित किया जा सके कि एक ही फर्म से यह खरीद नहीं की गई है।• खरीद सूची से हटकर जिलास्तर पर एक अन्य सूची बना ली गई, जिसमें 17 की जगह 10 क्रम ही दिए गए थे• ज्यादातर बिल वाउचर जौनपुर की फर्म मेसर्स मां वैष्णो के लगाकर सामान की सप्लाई दिखाई गई• सभी सामग्री बाजार से कई गुना अधिक मूल्य पर खरीदी गई• बिल वाउचर में जीएसटी का उल्लेख नहीं• प्रधान शिक्षकों ने बताया कि बीईओ द्वारा एक फर्म से खरीदारी का दबाव बनाया गया
स्कूलों में बिना सामान खरीदे फर्जी बिल लगाकर शिक्षकों से चेक लिए जाने की बात सामने आई।
इसके बाद डीएम देवेंद्र पांडेय ने सभी एसडीएम से जांच करवाई, जिसमें फर्जी बिलों के जरिए भुगतान की बात सामने आई। राज्य परियोजना निदेशक (बेसिक शिक्षा) विजय किरन आनंद के निर्देश पर प्रभारी बीएसए राकेश कुमार ने तत्कालीन बीएसए बीके शर्मा व जौनपुर की फर्म मां वैष्णो एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।• एनबीटी, उन्नाव : जिले के 2,305 प्राइमरी और 832 जूनियर स्कूलों की कंपोजिट ग्रांट की बंदरबांट के मामले में तत्कालीन बीएसए व माल सप्लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रभारी बीएसए की तहरीर पर नगर कोतवाली में दर्ज एफआईआर में शासकीय संपत्ति का गबन करने की बात कही गई है। समिति ने राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।
परिषदीय स्कूलों में कुर्सी-मेज, टाट पट्टी, शिलापट, चॉक, स्टेशनरी, बाल्टी, कूड़ादान, एमडीएम के बर्तन व खेल किट की खरीद के लिए ने 9.73 करोड़ रुपये की कंपोजिट ग्रांट जारी की थी। खरीदारी का जिम्मा स्कूलों के हेडमास्टर को दिया गया था, लेकिन इसमें जमकर खेल हुआ। आरोप हैं कि सप्लायर फर्म के साथ मिलीभगत कर सामान की कई गुना ज्यादा कीमत दिखाकर बिलों का भुगतान करवाया गया। इसकी शिकायत सपा एमएलसी सुनील सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल से की थी। शासन से 25 सितंबर को मिड-डे मील प्राधिकरण के उपनिदेशक उदयभान और सर्वशिक्षा अभियान के अवर अभियंता सरोजानंद की टीम ने नवाबगंज, हसनगंज, बिछिया, मियागंज, फतेहपुर चौरासी ब्लॉक के स्कूलो की जांच की थी।
खबर साभार : अमर उजाला / दैनिक जागरण / हिन्दुस्तान / डेली न्यूज एक्टिविस्ट
उन्नाव के परिषदीय स्कूलों में खरीद घोटाला, पूर्व बीएसए और फर्म के खिलाफ गबन का केस
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