सचिव परीक्षा नियामक ने यूपीटीईटी आजीवन मान्य करने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव

सचिव परीक्षा नियामक ने यूपीटीईटी आजीवन मान्य करने के लिए शासन को भेजा प्रस्ताव


प्रयागराज। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीईटी) की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को आजीवन मान्य किए जाने बारे में प्रस्ताव राज्यों को भेजे जाने के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश अनिल भूषण चतुर्वेदी ने शासन को टीईटी आजीवन मान्य किए जाने का प्रस्ताव भेजा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से यह प्रस्ताव प्रदेश में संभावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को देखते हुए भेजा गया है।


सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से इससे पहले 2020-21 की उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने के लिए 15 जून से आवेदन शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया था। कोविड के चलते शासन की ओर से अभी तक इस तिथि को मंजूरी नहीं मिल पाई है, ऐसे में अब सचिव परीक्षा नियामक की ओर से आजीवन टीईटी को मान्य किए जाने के प्रस्ताव से अब तय हो गया है कि नई शिक्षक पात्रता परीक्षा में आजीवन टीईटी मान्य किए जाने का नियम लागू होगा। 


सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि एनसीटीई की ओर से नौ जून को राज्यों को पत्र जारी कर देने के बाद उन्होंने शासन से इस बारे में दिशा निर्देश मांगा है।


यूपीटीईटी का प्रमाणपत्र होगा आजीवन मान्य, बढ़ी प्रक्रिया


प्रयागराज: उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) उत्तीर्ण 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। केंद्र की तर्ज पर प्रदेश टीईटी का प्रमाणपत्र भी आजीवन मान्य करने की तैयारी है। परीक्षा संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज ने इसका प्रस्ताव भेजा है। अगले सप्ताह शासन की मंजूरी की बाद नोटीफिकेशन जारी हो सकता है। इस कदम से उन अभ्यर्थियों को विशेष राहत होगी, जो प्रमाणपत्र की अवधि पूरी होने से दोबारा परीक्षा देने की तैयारियों में जुटे थे। यूपी टीईटी का प्रमाणपत्र अभी तक पांच वर्ष तक ही मान्य रहा है।

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने तीन जून को ऐलान किया था कि टीईटी 2011 से जारी हो रहे प्रमाणपत्र आजीवन होंगे। ज्ञात हो कि इसके पहले प्रमाणपत्र सात साल और 2020 का ही आजीवन मान्य था। यूपी के राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा डा. सतीश द्विवेदी ने इस कदम का स्वागत करते हुए प्रदेश में संभावनाएं तलाश करने का वादा किया था। शासन ने केंद्र के इस निर्णय के लिए आधार तलाशे तो बयान के अलावा कुछ हाथ नहीं आया। नौ जून को एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी कर दी है। नेशनल काउंसिलिंग की 50वीं बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है कि 2011 से अब तक टीईटी के प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होंगे।

■  राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से नौ जून को नोटीफिकेशन जारी

■  प्रदेश में मान्य करने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने भेजा प्रस्ताव
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