परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर पारिवारिक पेंशन के साथ मृत्यु ग्रेच्युटी (उपादान) के सम्बन्ध में
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर पारिवारिक पेंशन के साथ मृत्यु ग्रेच्युटी (उपादान) के सम्बन्ध में ।
लगातार हाईकोर्ट के फैसलों के बाद भी शासन में अब तक अटका मृत शिक्षकों की ग्रेच्युटी का मामला
ड्यूटी के दौरान मृत परिषदीय शिक्षकों की ग्रेच्युटी का मामला शासन में अटका है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर शासनादेश जारी करने का अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन कुछ न हुआ।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के लिए नियम है कि यदि वे 60 साल सेवा का विकल्प देते हैं तो उन्हें सेवानिवृत्ति या मृत्यु पर परिजनों को ग्रेच्युटी मिलती है, जो लाखों में होती है। लेकिन 62 साल सेवा का विकल्प देने वालों को इसका लाभ नहीं मिलता।
कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने 60 या 62 साल का विकल्प नहीं दिया और उनकी मृत्यु हो गई। उनके परिजनों ने विभाग से गुहार लगाई तो ग्रेच्युटी देने से इनकार कर दिया गया। कोर्ट ने ग्रेच्युटी भुगतान के आदेश दिए थे। यह राशि करोड़ों रुपये तक जाने की संभावना है।
वित्त नियंत्रक बेसिक रवीन्द्र कुमार ने 24 अगस्त को संयुक्त निदेशक पेंशन झांसी मंडल को भेजे पत्र में लिखा कि निदेशक पेंशन ने एक अप्रैल को अपर मुख्य सचिव बेसिक और शिक्षा निदेशक बेसिक ने प्रमुख सचिव बेसिक को 12 अगस्त को पत्र लिखकर ग्रेच्युटी भुगतान पर जल्द निर्णय लेने के लिए शासनादेश जारी करने का अनुरोध किया है।
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर पारिवारिक पेंशन के साथ मृत्यु ग्रेच्युटी (उपादान) के सम्बन्ध में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:02 AM
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