प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त संचालित विद्यालयों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।
प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त संचालित विद्यालयों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किए जाने के संबंध में।
बिना मान्यता चल रहे स्कूल होंगे बंद, विद्यार्थियों को पड़ोस के मान्यता प्राप्त स्कूलों में दिलाया जाएगा दाखिला
लखनऊ। प्रदेश में बिना मान्यता के संचालित प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों को बंद किया जाएगा। इन स्कूलों के संचालकों से एक लाख रुपये जुर्माना भी वसूला जाएगा। बंद करने से पहले उन विद्यालयों के बच्चों को पड़ोसी राजकीय सहायता प्राप्त या वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने आदेश किया है जारी।
जनपदों में बगैर मान्यता चल रहे स्कूलों की खैर नहीं, प्रभावी कार्रवाई की तैयारी शुरू
बिना मान्यता चल रहे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों पर शिकंजा कसने की तैयारी, हर सप्ताह होगी समीक्षा
ऐसे स्कूलों पर लगेगा एक लाख का जुर्माना, दर्ज होगी FIR, जानिए कारण
शिक्षा निदेशक बेसिक ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मंडल व जिलों में बिना मान्यता संचालित विद्यालयों पर कार्रवाई करें। कितने स्कूलों पर कार्रवाई की गई इसकी सूचना हर शुक्रवार को मांगी गई है।
बिना मान्यता स्कूल संचालन करने वालों पर होगी कार्रवाई, बीएसए से कार्यवाहियों का मांगा गया ब्योरा
सावधान! बिना मान्यता के चलाया विद्यालय तो लगेगा एक लाख रुपयेे जुर्माना
बिना मान्यता स्कूल संचालन करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। स्कूल प्रबंधन पर एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही उल्लंघन करने पर प्रतिदिन दस हजार रूपये तक अर्थदंड लगेगा। इस बाबत शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक व समस्त बीएसए को दिशा निर्देश जारी किया है, इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है।
प्रदेश भर में छह से 14 आयु वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त एवं सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल एवं मान्यता प्राप्त प्राथमिक तथा जूनियर हाईस्कूल संचालित किए जा रहे हैं। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के बाद बिना मान्यता प्राप्त किए कोई स्कूल स्थापित अथवा संचालित नहीं किया जा सकता है।
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 18 में स्कूल की मान्यता को लेकर प्राविधान भी किया गया है। अधिनियम में प्रावधान है कि बिना मान्यता लिए अगर कोई विद्यालय स्थापित करता है या संचालित करता है या फिर मान्यता वापस लेने के बाद भी विद्यालय चलाना जारी रखता है तो ऐसे मामले में एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं उल्लंघन जारी रखने की दशा में जुर्माने से प्रत्येक दिन दस हजार रूपये तक अर्थदंड लगेगा।
प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त संचालित विद्यालयों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
12:24 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment