शिक्षा विभाग के समूह ग एवं घ के स्थानान्तरित कार्मिकों के कार्यमुक्त/कार्यभार ग्रहण न करने के कारण वेतन अवरुद्ध किये जाने के संबंध में
शिक्षा विभाग के समूह ग एवं घ के स्थानान्तरित कार्मिकों के कार्यमुक्त/कार्यभार ग्रहण न करने के कारण वेतन अवरुद्ध किये जाने के संबंध में
शिक्षा विभाग : कार्यभार ग्रहण न करने वाले लिपिकों का वेतन रोका गया
लखनऊ : शिक्षा विभाग में समूह ‘ग’ के पटल परिवर्तन को लेकर जिलों से रिपोर्ट न मिलने पर महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने समूह ‘ग’ के ऐसे सभी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है, जिन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। अवरुद्ध किया गया वेतन तभी जारी किया जाएगा, जब महानिदेशक इसकी अनुमति देंगे। अभी तक स्थानांतरित हुए लगभग एक हजार लिपिकों में केवल 119 के कार्यभार ग्रहण करने की सूचना है।
सोमवार को उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि स्थानांतरित कर्मचारी ने अपने तबादले का प्रत्यावेदन संबंधित कार्यालध्यक्ष को नहीं दिया है तो उनका वेतन रोक दिया जाए। कार्यभार ग्रहण न करना शासन के आदेशों की अवहेलना है। आदेश के मुताबिक यदि वेतन जारी हो जाता है तो संबंधित कार्यालयध्यक्ष या आहरण वितरण अधिकारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग में एक हजार से ज्यादा लिपिकों का तबादला किया गया था, जिसमें से 45 फीसदी ऐसे थे जो 10 वर्षों से एक ही कार्यालय में एक ही जगह पर थे। जून में किए गए तबादलों में तीन दिन के अंदर कार्यभार ग्रहण करना था। उन्होंने मंडलीय शिक्षा निदेशकों से तबादले के बाद प्रमाणपत्र भी मांगा था लेकिन अधिकारियों ने अभी तक प्रमाणपत्र नहीं दिया है।
वहीं स्थानांतरित हुए लिपिक भी अन्यत्र दबाव बना कर तबादला रुकवाने की कोशिश में हैं।
मंडलवार तबादलों के अनुपालन की स्थिति
लखनऊ मंडल के 111, आजमगढ़ मंडल के 56, झांसी के 44, चित्रकूट के 26, बरेली के 73, मेरठ मंडल के 62, अयोध्या मंडल के 71 कर्मचारियों ने कार्यभार ग्रहण किया या नहीं, इसकी रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। वहीं वाराणसी में 35, देवीपाटन में 16, बस्ती में 11, कानपुर में 76, मुरादाबाद में 62, गोरखपुर में 45 और प्रयागराज में 77 लिपिकों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।
No comments:
Post a Comment