31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों की सामूहिक बीमा कटौती बंद किए जाने हेतु वित्त नियंत्रक का समस्त लेखाधिकारियों को आदेश जारी

1 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों की सामूहिक बीमा कटौती बंद किए जाने हेतु वित्त नियंत्रक का समस्त लेखाधिकारियों को आदेश जारी।


2014 के पहले नियुक्त बेसिक शिक्षकों से होती रहेगी समूह बीमा कटौती,  धन वापसी का भी आदेश होगा जल्द

वित्त नियंत्रक का कहना है कि 2014 के पहले से कार्यरत शिक्षक सामूहिक बीमा से कवर हो रहे हैं इसलिए उनकी धनराशि बीमा निगम को नियमित भेजी जा रही है, जबकि बाकी शिक्षक व शिक्षणेतर कार्मिकों का धन वित्त विभाग में जमा है। जल्द ही शिक्षकों को धन एरियर के रूप में वापस करने का आदेश दिया जाएगा।


परिषदीय शिक्षकों के वेतन से नहीं होगी बीमा प्रीमियम की कटौती, वित्त नियंत्रक ने दिए रोक के आदेश

बीमा पॉलिसी के नाम पर अब नही कटेगी बेसिक शिक्षकों के वेतन से धनराशि


 बड़ी संख्या में ऐसे बेसिक शिक्षक हैं, जिनके वेतन से हर महीने 87-87 रुपये काटे जा रहे थे। यह कटौती तब भी जारी थी, जबकि एलआईसी की ओर से वर्ष 2014 में ही बेसिक शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए यह सामूहिक बीमा पॉलिसी को बंद कर दिया गया था। मामला संज्ञान में आने के इतने साल बाद अब  अब शासन के निर्देश पर इस महीने से कटौती पर रोक लगा दी गई है।


शासन की सामूहिक बीमा पालिसी के तहत शिक्षकों के खाते से हर माह 87 रुपये काटने के प्रावधान था। मगर बीमा कंपनी एलआईसी की ओर से 31 मार्च 2014 के बाद से परिषदीय स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों के लिए यह योजना बंद कर दी गई। वहीं इसके एवज में उनको कोई दूसरी पॉलिसी नहीं दी गई। ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद में 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों की सामूहिक बीमा पॉलिसी बंद होने के बावजूद उनके वेतन से हर महीने प्रीमियम के तौर पर 87 रुपये की कटौती की जाती रही। यह पैसा सरकारी खजाने में जाता रहा है।


 एलआईसी ने पॉलिसी नंबर 4521 व 116846 समूह बीमा को दोनों पॉलिसी को बंद करने की जानकारी विभाग को शासन स्तर पर दे दी थी। वहीं बीमा कंपनी को विभाग की ओर से वर्ष 2014 से 2019 तक प्रीमियम की राशि जमा कराई गई है। इस राशि की वसूली भी होगी। वहीं मामला संज्ञान में आने पर वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा विभाग प्रयागराज ने जिला वित्त लेखाधिकारी व बीएसए को पत्र लिख कर इसी माह से प्रीमियम के कटौती को रोकने का निर्देश दिया है।

 हालांकि शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रीमियम की राशि उन्हें वापस लौटाए संबंधी निर्णय शासन स्तर से ही होने की उम्मीद है। 


लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में 2014 के बाद भर्ती शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन से बंद हो चुकी ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम की प्रीमियम की कटौती अब नहीं होगी। वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस प्रीमियम के नाम पर शिक्षकों के वेतन से आठ साल से 87 रुपये प्रतिमाह काटे जा रहे थे। इस तरह अब तक शिक्षकों के वेतन से करीब 208.80 करोड़ रुपये काटे जा चुके हैं।

वर्ष 2014 के बाद से आठ साल में लगभग 2.75 लाख शिक्षक भर्ती हो चुके हैं। करीब 25 हजार शिक्षकों ने ज्वाइन नहीं किया। वह संख्या घटा दी जाए तो आंकड़ा 2.50 लाख होता है। इस मामले को अमर उजाला ने बीते 5 अगस्त को 'बीमा पॉलिसी बंद, फिर भी शिक्षकों के वेतन से हो रही प्रीमियम की कटौती' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के वेतन से बीमा कटौती बंद करने के आदेश जारी किए।


यह है मामला

शिक्षकों के अनुसार बीमा पॉलिसी में एक लाख रुपये बीमा कवर शामिल था । यदि दुर्घटना नहीं होती तो रिटायरमेंट के बाद पॉलिसी की परिपक्वता राशि मिलने की व्यवस्था थी। एलआईसी ने 2014 में बेसिक शिक्षकों के लिए यह पॉलिसी बंद कर दी। विभाग को कह दिया कि भविष्य में नियुक्त बेसिक शिक्षकों का बीमा नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद राशि की कटौती होती रही।


2014 के पहले नियुक्त शिक्षकों से होती रहेगी कटौती 
 वित्त नियंत्रक का कहना है कि 2014 के पहले से कार्यरत शिक्षक सामूहिक बीमा से कवर हो रहे हैं इसलिए उनकी धनराशि बीमा निगम को नियमित भेजी जा रही है, जबकि बाकी शिक्षक व शिक्षणेतर कार्मिकों का धन वित्त विभाग में जमा है। जल्द ही शिक्षकों को धन एरियर के रूप में वापस करने का आदेश दिया जाएगा।


31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों की सामूहिक बीमा कटौती बंद किए जाने हेतु वित्त नियंत्रक का समस्त लेखाधिकारियों को आदेश जारी Reviewed by sankalp gupta on 3:25 PM Rating: 5

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