वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2021-22 में खादी ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से खादी संस्थाओं को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित जनपदों के विकास खण्डों में करायी गयी ड्रेस आपूर्ति के सापेक्ष लम्बित धनराशि का भुगतान कराये जाने विषयक

वित्तीय वर्ष 2019-20 में में खादी ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से खादी संस्थाओं को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित जनपदों के विकास खण्डों में करायी गयी ड्रेस आपूर्ति के सापेक्ष लम्बित धनराशि का भुगतान कराये जाने विषयक।

10 जिलों ने नहीं दिया स्कूलों में यूनिफॉर्म आपूर्ति करने वाली खादी संस्थाओं के बकाए का ब्योरा


लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में सत्र 2019-20 व 2020-21 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यूनिफॉर्म की आपूर्ति करने वाली खादी संस्थाओं के बकाए का ब्योरा विभिन्न दस जिलों ने नहीं दिया है। खादी तथा ग्रामोद्योग विभाग ने इनका दो करोड़ रुपये बकाया बताते हुए बेसिक शिक्षा विभाग से भुगतान की मांग की है। 


वहीं जिलों से बीएसए द्वारा बताया गया बकाया कम है। इसी पर जांच करके सही ब्योरा भेजने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश के बावजूद ब्योरा न भेजने पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताते हुए संबंधित जिलों से जल्द ब्योरा भेजने को कहा है। इस संबंध में लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, एटा, शामली, अंबेडकरनगर, सीतापुर, बहराइच व मिर्जापुर जिलों के बीएसए को निदेशक शुभा सिंह ने पत्र लिखा है। इन्हीं जिलों के चयनित विकासखंडों में स्कूल यूनिफॉर्म वितरित की गई थी। 


वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2021-22 में खादी ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से खादी संस्थाओं को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित जनपदों के विकास खण्डों में करायी गयी ड्रेस आपूर्ति के सापेक्ष लम्बित धनराशि का भुगतान कराये जाने विषयक

खादी संस्थाओं ने मांगा यूनिफॉर्म का दो करोड़ से अधिक बकाया, बेसिक शिक्षा विभाग व खादी बोर्ड के रिकॉर्ड में निकल रहा अंतर


लखनऊ। खादी संस्थाओं से पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिह्नित जिलों के परिषदीय स्कूलों में सत्र 2019-20 व 2020-21 में यूनिफॉर्म की आपूर्ति कराई गई थी। इसकी बकाया करीब दो करोड़ रुपये की राशि का भुगतान अभी तक लंबित है। खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने बकाया भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर ज्यादा देरी होने पर संस्थाओं द्वारा अदालत की शरण में जाने की आशंका जताई है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के रिकार्ड में बकाया की राशि और खादी बोर्ड द्वारा मांगी गई राशि में अंतर सामने आ रहा है। इसीलिए बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने अब इसकी जांच करके प्रस्ताव देने के निर्देश जिलों को दिए हैं।


खादी बोर्ड के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 की 1,03,39,760 रुपये और 2020-21 की 98,04,337 रुपये की राशि लंबित है। बोर्ड अधिकारियों ने बकाया भुगतान न होने से संस्थाओं में कार्यरत बुनकरों, कामगारों का बकाया भुगतान न हो पाने की बात कही है।


इन जिलों में है बकाया: मुरादाबाद के मुरादाबाद ग्रामीण ब्लॉक, वाराणसी में चोलापुर, सीतापुर में लहरपुर व सिधौली, कानपुर में शिवराजपुर, लखनऊ में चिनहट व मोहनलालगंज, एटा में अवागढ़, शामली में शामली व अंबेडकरनगर में कटेहरी ब्लॉक, बहराइच में महसी, विश्वेश्वरगंज व रिसिया ब्लॉक व मिर्जापुर में छियानबे ब्लॉक ।


वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2021-22 में खादी ग्रामोद्योग विभाग के माध्यम से खादी संस्थाओं को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित जनपदों के विकास खण्डों में करायी गयी ड्रेस आपूर्ति के सापेक्ष लम्बित धनराशि का भुगतान कराये जाने विषयक Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 12:33 AM Rating: 5

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