परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित किट्स उपलब्ध कराने के संबंध में
परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित किट्स उपलब्ध कराने के संबंध में
बच्चे गणित - विज्ञान प्रयोग करके सीखेंगे, जूनियर हाईस्कूलों में पहुंचेगी NCERT की किट, आओ करके सीखें पर रहेगा बल
लखनऊ। बच्चों को पढ़ने से ज्यादा देखा हुआ याद रह जाता है। यही कारण है कि अब जूनियर हाईस्कूलों में ‘आओ करके सीखो’ पर ज्यादा बल दिया जा रहा है।
इसके लिए गणित व विज्ञान की एक-एक किट स्कूलों में और भेजी जाएगी। इसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। यह किट कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पढ़ाने में मदद के लिए है।
इसके लिए वार्षिक परियोजना की बैठक में मंजूरी दी गई थी। ये किट एनसीईआरटी ने बनाई है। विज्ञान किट में स्प्रिंग बैलेंस, आईसीसी स्पून, ट्राईपॉड स्टैण्ड, किरोसीन बर्नर, सन डॉयल, स्टील बॉल, पुली फ्रेम के साथ, कलर डिस्क समेत अन्य चीजें होती हैं। स्कूलों में सूक्ष्मदर्शी वाली किट भेजी जा रही हैं। वहीं गणित किट में विभिन्न आकार के टुकड़े और मोतियां, कार्ड, पासे, अबेकस स्टैण्ड आदि होंगे।
इसके साथ ही नियमावली भी दी गई हैं मसलन अबेकस स्टैण्ड में मोती डाल कर जोड़-घटाव सिखाया जाएगा तो एल्मुनियम स्केल से विभिन्न आकार और उनकी नापजोख सिखाई जाएगी। विज्ञान के सरल प्रयोगों को करने की विधि भी इस किट के साथ दी जाएगी। मसलन दाल में मौजूद प्रोटीन को पहचानना है तो परखनली में दाल का चूरा डाले और इसमें कॉपर सल्फेट की दो बूंदे और 10 बूंदे कास्टिक सोडा की मिला कर हिलाएं। इसका रंग बैंगनी हो जाएगा जो यह दर्शाता है कि इसमें प्रोटीन उपलब्ध है।
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