"मेरा विद्यालय मेरी पहचान" अन्तर्गत नामांकन, ठहराव एवं सम्प्राप्ति में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के अभिलेखीकरण के सम्बन्ध में

"मेरा विद्यालय मेरी पहचान" अन्तर्गत नामांकन, ठहराव एवं सम्प्राप्ति में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के अभिलेखीकरण के सम्बन्ध में।
 

फिर शुरू होगा ‘मेरा विद्यालय मेरी पहचान’

● स्कूल का चयन कुछ खास मानकों के आधार पर होगा

● चयन के बाद स्कूलों को दिया जाएगा उत्कृष्टता प्रमाणपत्र


शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के क्रम में चयनित विद्यालय के प्रधानाध्यापक होंगे पुरस्कृत, "मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम" के तहत ये होंगे चयन के मानक


परिषदीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शासन ने मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक जिले के दो प्राथमिक व दो उच्च प्राथमिक और एक कंपोजिट विद्यालय का चयन किया जाएगा। चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए आठ नवंबर तक प्रधानाध्यापकों से विद्यालय संबंधी विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में नामांकन, उपस्थिति व अन्य गतिविधियों में सुधार लाने के उद्देश्य को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र लखनऊ द्वारा मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रतिभाग करना होगा। 


प्रधानाध्यापकों को अपने विद्यालय में नामांकन, ठहराव, संप्राप्ति, सामुदायिक सहयोग से आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने संबंधी विवरण अधिकतम 500 शब्दों में चार फोटो सहित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को आठ नवंबर तक उपलब्ध कराना होगा। विद्यालयों से प्राप्त होने वाले विवरण के आधार पर डायट स्तर पर दो प्राथमिक, दो उच्च प्राथमिक और एक कंपोजिट विद्यालय का चयन किया जाएगा। 


चयन के लिए विद्यालयों की स्क्रीनिंग के लिए डायट स्तर पर गठित तीन सदस्यीय समिति तय मानकों के आधार पर करेगी। समिति में बाह्य विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। चयनित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। 

ये है मानक

- विद्यालय में छात्र संख्या।
- विद्यालयों में छात्रों की औसत उपस्थिति।
- प्राथमिक विद्यालयों में निपुण लक्ष्यों के सापेक्ष छात्रों की संप्राप्ति।
- समुदाय के सहयोग से विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता व क्रियाशीलता।
- विद्यालय परिसर की साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण और शौचालय की क्रियाशीलता।
- विद्यालय में पुस्तकालय की व्यवस्था एवं क्रियाशीलता।



लखनऊ : मेरा विद्यालय मेरी पहचान कार्यक्रम फिर शुरू होगा। हर जिले से दो प्राइमरी, दो जूनियर और एक कम्पोजिट विद्यालय का चयन होगा। इसकी स्क्रीनिंग के बाद चयनित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। स्कूलों की फोटो व विवरण एससीईआरटी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। एससीईआरटी की निदेशक शुभा सिंह ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया है।


उन्होंने कहा है कि शिक्षकों द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कामों का अभिलेखीकरण की जरूरत है और उन्हें अन्य हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा प्रतिभाग किया जा सकता है। इसके लिए प्रधानाध्यापक द्वारा डायट को अपने विद्यालय में नाम ठहराव, सम्प्राप्ति, सामुदायिक सहयोग से आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने आदि से संबंधित विवरण 500 शब्दों देना होगा।


जिलों से दो-दो प्राइमरी व जूनियर स्कूल के साथ एक कम्पोजिट स्कूल का चयन होगा। स्कूल के चयन का आधार छात्र संख्या, औसत उपस्थिति, खेलकूद में प्रतिभागिता आदि बनाया जाएगा।



"मेरा विद्यालय मेरी पहचान" अन्तर्गत नामांकन, ठहराव एवं सम्प्राप्ति में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के अभिलेखीकरण के सम्बन्ध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:11 AM Rating: 5

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