परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में NCERT नई दिल्ली के माध्यम से आपूर्तित गणित एवं विज्ञान किट के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश।
परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में NCERT नई दिल्ली के माध्यम से आपूर्तित गणित एवं विज्ञान किट के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश।
NCERT की किट से विज्ञान और गणित सीखेंगे विद्यार्थी, सभी बीएसए को परिषदीय स्कूलों में व्यवस्था लागू कराने के निर्देश, प्राथमिक विद्यालयों को पहली बार उपलब्ध कराई गई किट
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए एनसीईआरटी ने किट उपलब्ध कराई है। किट की सामग्री पाठ्यपुस्तकों के अध्यायों पर आधारित है। ये विद्यार्थियों के काफी मददगार साबित होंगे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने जिला बेसिक शिक्षा सभी जिला अधिकारियों को यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि 45,642 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक-एक गणित किट और 22,654 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक-एक विज्ञान किट उपलब्ध कराई गई है। ये किट विद्यालयों को भेज दी गई हैं। इसमें विज्ञान से संबंधित प्रयोग करने के लिए 150 से अधिक उपकरण, रसायन व अन्य सामग्री हैं। विज्ञान किट में विभिन्न धातुओं के घनत्व की संकल्पना से छात्रों को परिचित कराने व अन्य क्रियाकलापों के लिए कमानीदार तुला, द्रवों के तापमान मापने के लिए तापमापी यंत्र, चार प्रतिरोधकों के सेट, विभिन्न प्रकार के चुंबक, लेंस आदि उपलब्ध कराई गई है। वहीं, गणित किट में त्रिभुज व चतुर्भुज को बनाने के लिए प्लास्टिक की पट्टियां, गुणनखंड की समझ विकसित करने के लिए नंबर कार्ड्स, पूर्णांकों पर गणितीय संक्रियाओं की समझ विकसित करने के लिए संख्या बोर्ड, अंबेकस, ठोस आकारों के लिए कागज के जाल आदि सामग्री उपलब्ध कराई गई है। शिक्षक किट का प्रयोग अन्य कक्षाओं में भी जरूरत के अनुसार कर सकेंगे। वहीं, 1,11,599 प्राथमिक विद्यालयों में गणित की दो-दो किट उपलब्ध कराई गई है।
अधिकारियों के अनुसार एनसीईआरटी ने पिछले साल से किट की व्यवस्था शुरू की थी। इस बार सामग्री बढ़ाई गई है। इससे पहले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किट के कुछ उपकरण खरीदे जाते थे। प्राथमिक विद्यालयों में पहली बार किट दी गई हैं। किट के साथ उपकरणों का प्रयोग कैसे पढ़ाई में करना है, इसके निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की मदद से इनका प्रयोग कराने के लिए कहा गया है।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:16 AM
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