''स्कूल चलों अभियान -2023'' एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान - अप्रैल 2023 के सम्बन्ध में
ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए माता-पिता को प्रेरित भी करेंगे
छूटे बच्चों की नजदीकी स्कूल के प्रधानाध्यापक को देंगे सूचना
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने सभी एडी-सीएमओ को दिए आदेश
लखनऊ। स्वास्थ्य कर्मी अब घर-घर जाकर बीमार लोगों के साथ स्कूल जाने से छूटे बच्चों को भी चिन्हित करेंगे। सिर्फ चिन्हित ही नहीं, उनका स्कूल में नामांकन कराने में सहायक भी बनेंगे। ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए उनके माता-पिता की काउंसलिंग भी करेंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शुक्रवार को इस संबंध में सभी अपर निदेशक स्वास्थ्य और मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को स्कूल चलो और संचारी रोगों के खिलाफ अभियान की एक साथ शुरुआत की थी। छूटे बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की इस मुहिम में बेसिक शिक्षा विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग भी कदमताल करेगा। दरअसल, पूरे अप्रैल में स्कूल चलो अभियान भी चलना है और इसी अवधि में संचारी रोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच 17 से 30 अप्रैल के मध्य दस्तक अभियान भी चलेगा, जिसमें स्वास्थ्यकर्मी घर-घर दस्तक देंगे।
अभियान को मिलेगी गति
आशाएं व फ्रंटलाइन वर्कर लक्षण युक्त रोगियों एवं वेक्टर घनत्व की जगहों की पहचान करेंगे। संचारी रोगों से बचाव के लिए लोगों को सफाई व दूसरे दिशा-निर्देशों के पालन के लिए प्रेरित करेंगे। प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी यह भी देखेंगे कि किसी घर में स्कूल जाने की उम्र का कोई बच्चा स्कूल से वंचित तो नहीं है। ऐसे आउट ऑफ स्कूल बच्चे की सूचना नजदीकी परिषदीय विद्यालय के प्रधानाचार्य को देंगे। माता-पिता को बच्चे का दाखिला कराने और उन्हें नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रेरित भी करेंगे। इससे संचारी रोग नियंत्रण के साथ ही स्कूल चलो अभियान-2023 को भी गति मिलेगी।
''स्कूल चलों अभियान -2023'' एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान - अप्रैल 2023 के सम्बन्ध में
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