बेसिक शिक्षा विभाग की नई स्थानांतरण नीति पर जवाब तलब, अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद
बेसिक शिक्षकों की स्थानांतरण नीतियों को चुनौती, अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद
बेसिक शिक्षा विभाग की नई स्थानांतरण नीति पर जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों के स्थानांतरण की नई नीति पर राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद सहित सभी पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने विनोद कुमार मौर्य व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका में कहा गया है कि नई नीति पूरी तरह से मनमानापूर्ण है और इससे समानता के मौलिक अधिकार अनुच्छेद 14 का हनन होता है। यह सिर्फ अध्यापक-छात्र अनुपात के हिसाब से अतिरिक्त शिक्षकों के बारे में ही है जबकि इसमें उन पुरुष व महिला अध्यापकों के बारे में विचार नहीं किया गया है जो दो वर्ष या पांच वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं।
याचिका में 27 जुलाई 2022, 20 जनवरी 2023 और 14 फरवरी 2023 के शासनादेशों को चुनौती दी गई है। याचियों की मांग है कि अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को लेकर एक ऐसी नीति जारी की जाए, जो संपूर्ण हो और उसमें एकरूपता हो। यह भी मांग की गई है कि याचियों का पिछले ब्लॉक से अग्रणी ब्लॉकों में स्थानांतरण किया जाए। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग की नई स्थानांतरण नीति पर जवाब तलब, अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:11 AM
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