कक्षा 6-8 में 50 दिवसीय रिमिडियल शिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने संबंधी आदेश जारी
जब तक संदर्शिकाएँ और कार्यपुस्तिकाए छप कर नहीं आएंगी तब तक सॉफ्ट कॉपी के जरिए चलेगा कक्षा 6 से 8 में हिंदी गणित विषय में रेमेडियल का काम
प्रशिक्षण के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 तक की कक्षा में अध्ययनरत समस्त बच्चों में पहले हिंदी और गणित विषय में वास्तविक अधिगम स्तर की पहचान की जाएगी। शिक्षकों द्वारा प्रश्नपत्र के माध्यम से बच्चों का बेसलाइन आंकलन किया जाएगा। इसमें पूर्व की कक्षाओं से संबंधित प्रश्न ही पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र के परिणामों के आधार पर कमजोर विद्यार्थियों का आंकलन कर लिया जाएगा। ऐसे बच्चों की सूची 25 अप्रैल तक तैयार करने के निर्देश हैं।
जिसके बाद रिमिडियल कार्यक्रम को प्रभावी किया जाएगा। हालंकि अभी तक प्रिंटेड संदर्शिकाए और कार्यपुस्तिकाए विभाग उपलब्ध नहीं करा पाया है। आदेश में प्रिंटेड कॉपी आने तक सॉफ्ट पीडीएफ प्रतियों के प्रयोग हेतु निर्देशित किया गया है। कमजोर विद्यार्थियों के परिणाम की जानकारी अभिभावकों के साथ भी साझा की जाएगी। ताकि वह भी अपने बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान दें और घर में भी पढ़ाई पर ध्यान दें। अभिभावकों को रिमिडियल शिक्षण प्रक्रिया की भी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण के तहत कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। उनके लिए कार्यपुस्तिकाएं तैयार की जाएंगी। प्रतिदिन बच्चों से कमजोर विषयों का अभ्यास कराया जाएगा। इन्हें बैक कक्षाओं में भी बिठाया जा सकता है।
कोविड काल के बाद अस्तित्व में आई सुधारात्मक प्रशिक्षण प्रक्रिया
कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में विद्यालय भी बंद थे। लगभग 2 वर्ष बाद जब स्कूल खुले तो छोटे-छोटे बच्चे कुछ विषयों में अपनी पकड़ खो चुके थे। जिसके बाद रिमिडियल शिक्षण प्रक्रिया अस्तित्व में आई। इसे उपचारात्मक प्रशिक्षण भी कहा जाता है। इसके तहत कमजोर विषयों में बच्चों को तेज करने के प्रयास किए जाते हैं ताकि बच्चा आगे चलकर पढ़ाई में न पिछड़ जाए।
कक्षा 6 से 8 तक में 50 दिन विशेष शिक्षण, विस्तार से जानिए क्या है इस विशेष शिक्षण कार्यक्रम में खास
बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए 50 दिवसीय सुधारात्मक शिक्षण कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इससे बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप अधिकतम दक्षताएं हासिल हो सकेंगी। फिलहाल हिन्दी और गणित विषय के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है।
इसके लिए तीनों कक्षाओं (कक्षा 6 से 8 तक) में अध्ययनरत सभी बच्चों का हिन्दी एवं गणित विषयों में वास्तविक मानसिक स्तर जानने के लिए बेसलाइन आकलन किया जाएगा। इसमें छात्रों से पूर्व के कक्षा के मुख्य लर्निंग आउटकम संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। आगामी 25 अप्रैल तक इन बच्चों का बेसलाइन आंकलन तैयार कर उसे बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों के साथ बैठक कर आंकलन के आधार पर तैयार परिणामों को उनके साथ साझा किया जाएगा।
क्या है महत्व
आधुनिक शिक्षण में निदानात्मक एवं उपचार शिक्षण एक नया प्रयोग है और इससे उन बालकों को विशेष लाभ होता है जो किन्हीं कारणों से सीखने की प्रक्रिया में पिछड़ जाते हैं और प्रगति नहीं कर पाते। इसलिए शिक्षण संबंधी कठिनाई एवं कारणों को दूर करने में प्रक्रिया अपनाई जाती है।
क्या है शिक्षण कार्यक्रम
रिमिडियल टीचिंग यानी सुधारात्मक शिक्षण में शिक्षक, विद्यार्थियों की प्रारम्भिक त्रुटियों को दूर करके, उनको ज्ञानार्जन की उचित दिशा की ओर मोड़ने का प्रयास करते हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को संबंधित विषय में दक्ष बनाने के साथ उनमें विषय के प्रति लगाव उत्पन्न करना है।
कक्षा 6-8 में 50 दिवसीय रिमिडियल शिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने संबंधी आदेश जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
6:32 AM
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