मृतक आश्रित कोटे के अर्न्तगत नियुक्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में।
ऑफलाइन से ऑनलाइन हुई प्रक्रिया पर नहीं पड़ा असर, मृतक आश्रितों के आवेदनों पर भारी पड़ रही बीएसए दफ्तरों की सुस्ती
जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की सुस्ती का एक बड़ा मामला सामने आया है। मृतक आश्रितों के आवेदनों को निपटाने में विभागीय सुस्ती का मामला हायर अथॉरिटी तक पहुंच गया है। इस मामले में स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से ऐसे आवेदनों के तुरंत निस्तारण के आदेश दिए गए हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई सरकारी विभागों में कामकाज की गति अभी भी कछुए जैसी है। आवेदनों के बाद उसको देखने तक की जहमत कर्मचारी- अधिकारी नहीं उठाते। इसी प्रकार का एक मामला बेसिक शिक्षा विभाग में सामने आया है। विभागीय स्तर पर मृतक कर्मचारी के आश्रितों के आवेदन पेंडिंग हैं। इसका कारण नौकरी के आवेदनों पर बीएसए दफ्तरों की सुस्ती है। अब यह सुस्ती आवेदकों को भारी पड़ने लगी है। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बावजूद आवेदन महीनों से लंबित पड़े हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इस पर नाराजगी जताते हुए आवेदनों के तुरंत निस्तारण के आदेश दिए हैं।
मृतक आश्रितों को नौकरी के लिए आवेदन लिए जाने के सिस्टम में बदलाव कि गया, लेकिन इसका असर बीसीए कार्यालय के कर्मियों पर नहीं पड़ा। वे अपने अंदाज में ही काम करते रहे। फाइलों को लटकाने के कारण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया। दरअसल, पहले मृतक आश्रितों को नौकरी के लिए आवेदन पहले ऑफलाइन लिए जाते थे। इनके आवेदनों की फाइलें महीनों बीएसए कार्यालयों में पड़ी रहती थीं। मृतक कर्मचारियों के परिजनों को दिक्कत बढ़ी तो वे विभाग तक पहुंचने लगे।
स्कूल शिक्षा विभाग में इस प्रकार की शिकायतों की बाढ़ आ गई। ऐसी ही शिकायतों को देखते हुए प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। इसके बावजूद बीएसए कार्यालयों के काम में कोई अंतर नहीं आया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने पोर्टल पर आवेदनों की स्थिति के ब्योरे के साथ सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। कई जिलों में आवेदनों की स्थिति पेंडिंग दिखाई जा रही है। महानिदेशक ने कहा है कि तत्काल इन आवेदनों पर कार्यवाही करें।
मृतक आश्रित कोटे के अर्न्तगत नियुक्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में।
मृतक आश्रित कोटे के अर्न्तगत नियुक्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:25 AM
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