डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से बालवाटिका से कक्षा-2 का आकलन अब तीन के बजाय दो चरणों में होंगे, "निपुण भारत मिशन" के तहत विद्यालयों में छात्रों के आकलन की प्रक्रिया अब संशोधित

डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से बालवाटिका से कक्षा-2 का आकलन अब तीन के बजाय दो चरणों में होंगे,  "निपुण भारत मिशन" के तहत विद्यालयों में छात्रों के आकलन की प्रक्रिया अब संशोधित



लखनऊ, 15 अक्टूबर 2024 – उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया गया है। राज्य परियोजना कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, "निपुण भारत मिशन" के तहत विद्यालयों में छात्रों के आकलन की प्रक्रिया अब संशोधित कर दी गई है। 

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र (पत्रांक: गुण०वि०/निपुण भारत-5/ 6590/2024-25) में बताया गया है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संदर्भ में "निपुण भारत मिशन" का विस्तार प्री-प्राइमरी (बालवाटिका) से कक्षा-2 तक किया गया है। इसके साथ ही, इस मिशन के तहत अब डी.एल.एड. प्रशिक्षुओं के माध्यम से विद्यालयों में प्रस्तावित आकलन तीन चरणों के बजाय केवल दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। 


आकलन के दो चरण होंगे
पूर्व में विद्यालयों में छात्रों के आकलन का प्रस्ताव तीन चरणों में – अक्टूबर 2024, दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 – में किया गया था। लेकिन अब इसे संशोधित करते हुए केवल दो चरणों – दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 – में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। 


राष्ट्रीय शिक्षा नीति और निपुण भारत मिशन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और नेशनल करिकुलम फेमवर्क (NCF-FS) के तहत जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, निपुण भारत मिशन का उद्देश्य छात्रों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता को सुनिश्चित करना है। इसका मुख्य फोकस प्री-प्राइमरी से कक्षा 2 तक के बच्चों को उनके उम्र के अनुसार शिक्षण योग्य बनाना है, ताकि 08 वर्ष की आयु तक प्रत्येक बच्चा आवश्यक ज्ञान और कौशल हासिल कर सके।


संशोधित शासनादेश प्रक्रिया में
मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, इस संबंध में संशोधित शासनादेश जारी करने की प्रक्रिया जारी है। बेसिक शिक्षा विभाग को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे इस सूचना को अपने स्तर से सभी संबंधित अधिकारियों और शिक्षण संस्थानों तक शीघ्र पहुंचाएं।

यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के बुनियादी कौशल को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।


डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से बालवाटिका से कक्षा-2 का आकलन अब तीन के बजाय दो चरणों में होंगे, "निपुण भारत मिशन" के तहत विद्यालयों में छात्रों के आकलन की प्रक्रिया अब संशोधित Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:26 AM Rating: 5

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