प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को एकीकृत शिक्षण प्रशिक्षण मॉड्यूल 'सम्पूर्ण' के प्रशिक्षण विषयक निर्देश।
निपुण भारत मिशन के तहत पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 4.7 लाख से अधिक प्राथमिक शिक्षक होंगे शामिल
परिषदीय विद्यालयों में बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत 4.7 लाख से अधिक प्राथमिक शिक्षक पांच दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेंगे। प्रशिक्षण का उद्देश्य अध्यापन विधियों को प्रभावी बनाना है जिसमें बाल-केंद्रित शिक्षण और जीआरआर मॉडल शामिल हैं। शिक्षकों को भाषा गणित कौशल और मूल्यांकन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण से शिक्षण में निपुण होंगे शिक्षक
🔴शिक्षकों को मिलेगा पांच दिवसीय प्रशिक्षण |
🔴बुनियादी शिक्षा और गिनती पर ज़ोर |
🔴जीआरआर मॉडल का प्रशिक्षण भी |
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की बुनियादी शिक्षा और गिनती की समझ को मजबूत करने के लिए अब शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 4.7 लाख से अधिक प्राथमिक शिक्षक शामिल होंगे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य कक्षा में पढ़ाने की विधियों को और प्रभावी बनाना है। इसमें नई एनसीईआरटी आधारित किताबों की सामग्री, स्थानीय कहानियों, गतिविधि आधारित पढ़ाई और बच्चों को केंद्र में रखकर पढ़ाने की शैली को अपनाने पर जाेर दिया जाएगा।
राज्य स्तर से लेकर जिला और ब्लाक स्तर तक प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी निभाएंगे। प्रशिक्षण से पहले और बाद में टेस्ट लेकर इसके प्रभाव का आकलन भी किया जाएगा। प्रशिक्षण की जानकारी और सामग्री यूट्यूब सत्रों, वाट्सएप ग्रुप्स और संकुल बैठकों के माध्यम से भी साझा की जाएगी।
शिक्षकों को विशेष रूप से भाषा और गणित के जरूरी कौशल जैसे स्पष्ट बोलना, ध्वनि पहचान, पढ़ने की आदत, समझने की क्षमता और गणना की प्रक्रियाओं पर काम करना सिखाया जाएगा। इसके लिए उन्हें उचित शिक्षण सामग्री और अभ्यास की योजनाबद्ध तकनीक भी दी जाएंगी।
समझाया जाएगा जीआरआर माडल
प्रशिक्षण में ग्रेजुअल रिलीज आफ रिस्पांसिबिलिटी (जीआरआर) माडल को समझाया जाएगा। इस पद्धति में शिक्षक पहले खुद करके दिखाते हैं, फिर छात्रों को मार्गदर्शन देते हैं और बाद में उन्हें खुद अभ्यास करने देते हैं। इससे बच्चों की सीखने की गति बेहतर होती है। शिक्षकों को आकलन आधारित शिक्षण की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें स्पाट मूल्यांकन, ‘फार्मेटिव टेस्ट’, ‘समेकित मूल्यांकन’ और ‘पुनरावृत्ति योजनाएं’ शामिल होंगी।
कृपया उपर्युक्त विषयक परिषद कार्यालय के पत्रांक रा०शै०/3418-3683/2025-26 दिनांक 05.05.2025 सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जो टीचर एजूकेशन योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 मे प्रशिक्षण एवं कार्यक्रमों हेतु वार्षिक लक्ष्य निर्धारण तथा उसके क्रियान्वयन के सम्बन्ध में है, शिक्षक-शिक्षा के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में 'प्रोग्राम एंड एक्टिविटीज मद के अंतर्गत जनपद स्तर पर एकीकृत प्रशिक्षण मॉड्यूल 'सम्पूर्ण' के आधार पर प्राथमिक एवं कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों का प्रशिक्षण (प्रा०+कं०प्रा०) दिनांक 07.04.2025 से 27.09.2025 तक प्रस्तावित है। उक्त प्रशिक्षण के सम्बन्ध में क्रियान्वयन हेतु विस्तृत अकादमिक दिशा-निर्देश निम्नवत् है-
यह प्रशिक्षण प्रत्येक जनपद के परिषदीय प्राथमिक/ कंपोजिट विद्यालयों में प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण करने वाले शिक्षकों को दिया जायेगा।
प्रशिक्षण हेतु प्रतिभागियों की संख्या परिषद कार्यालय के पत्रांक संख्या रा०शै०/3418-3683/2025-26 दिनांक 05.05.2025 के अनुसार होगी।
शिक्षकों का प्रशिक्षण डायट स्तर पर कराया जायेगा।
यह प्रशिक्षण 05 दिवसीय होगा।
प्रशिक्षण मॉड्यूल 'सम्पूर्ण' की सॉफ्टकॉपी पत्र के साथ संलग्न है। मॉड्यूल में सत्र योजना दी गयी है। प्रशिक्षण में सत्र-योजना का अनुपालन किया जाए।
एस०सी०ई०आर०टी० द्वारा राज्य स्तर पर प्रशिक्षित संदर्भदाताओं के माध्यम से ही प्रशिक्षण संचालित कराया जाये। तकनीकी सत्र में यथा आवश्यकता बाह्य विशेषज्ञ को आमांत्रित किया जाये। संदर्भदाताओं की सूची पत्र के साथ संलग्न है। साथ ही अपने संस्थान के अन्य प्रवक्ताओं को भी विषयानुकूल सत्र लेने तथा प्रशिक्षण कार्य में संलग्न किया जाये। ए०आर०पी०, एस०आर०जी० तथा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को संदर्भदाता न बनाया जाये।
संदर्भदाताओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रशिक्षण के दौरान दिये जाने वाले असाइनमेन्ट / गृहकार्य को प्रशिक्षणार्थी पूरी गंभीरता के साथ ससमय पूर्ण करें।
कम्पोजिट / प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण इस तरह कराया जाये कि विद्यालय का शिक्षण कार्य कदापि बाधित न हो।
प्रशिक्षण हेतु धनराशि खण्ड शिक्षा अधिकारी को हस्तान्तरित न की जाये। प्रशिक्षण प्रत्येक दशा मे डायट प्राचार्य के नेतृत्व में डायट में ही आयोजित कराया जाये।
पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, समस्त जनपद, उ०प्र० में अलग-अलग प्रशिक्षण हॉल में एक साथ दो बैचों में संचालित किया जा सकता है परन्तु एक बैच में शिक्षकों की संख्या अधिकतम 50 रखी जाये।
प्रभावी शिक्षक-प्रशिक्षण के संचालन हेतु सत्रों की तैयारी के लिये प्रशिक्षण हेतु आवश्यक सामग्री/प्रजेन्टेशन/वीडियो/अभ्यास, सत्रों का संदर्भदाताओं के मध्य विभाजन, संदर्भ सामग्री का संकलन इत्यादि प्रशिक्षण के पूर्व सुनिश्चित करते हुए प्रशिक्षण का प्रभावी संचालन किया जाये।
शिक्षक-प्रशिक्षण के सुचारू एवं प्रभावी संचालन हेतु प्राचार्य, डायट द्वारा समुचित भौतिक संसाधनों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता जैसे प्रशिक्षण कक्ष / शौचालय की साफ-सफाई, प्रतिभागियों के बैठने के लिये समुचित व्यवस्था, बिजली / जनरेटर, स्क्रीन के साथ प्रोजेक्टर, कम्प्यूटर / लैपटाप, साउण्ड सिस्टम, प्रतिभागियों के लिये गुणवत्तापरक भोजन / चाय तथा शुद्ध पेयजल इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
प्राचार्य डायट द्वारा प्रशिक्षण को गुणवत्तापूर्ण एवं उपयोगी बनाने हेतु समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त प्रशिक्षण में निर्धारित तिथियों में निर्धारित संख्या में शिक्षकों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करायी जाये।
शिक्षकों की शतप्रतिशत प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिये तिथिवार / बैचवार सूची बनाकर प्रशिक्षण हेतु नामित शिक्षकों को फोन/मैसेज के माध्यम से सूचित किया जाये ताकि शिक्षक निर्धारित तिथि / समय पर प्रशिक्षण में उपस्थित हो।
प्रत्येक बैच में एक या दो ऐसे प्रधानाध्यापक / शिक्षक की पहचान की जाये, जिन्होंने अपने विद्यालय में सक्रिय पुस्तकालय, बच्चों की अधिगम दक्षता संवर्द्धन, कक्षा-शिक्षण, एस०एम०सी०/समुदाय के सहयोग / सी०एस०आर० फण्ड आदि के माध्यम से अपने विद्यालय के भौतिक एवं अकदामिक परिदृश्य के गुणात्मक परिवर्तन लाने, प्रार्थना सभा, प्रिन्टरिच /टी०एल०एम० इत्यादि क्षेत्रों में परिवर्तन / नवाचार किया हो। प्रशिक्षण मे उक्त प्रधानाध्यापक /शिक्षकों को 15 मिनट का समय दिया जाये ताकि वे अपनी सफलता की कहानी सभी शिक्षकों के साथ साझा कर सकें, जिससें अन्य शिक्षक प्रेरित एवं प्रोत्साहित हो सकें।
डायट पर संचालित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का एस०सी०ई०आर०टी०, लखनऊ द्वारा आनलाइन/आफलाइन अनुश्रवण द्वारा किया जायेगा। अतः प्रशिक्षण में उपर्युक्त निर्देशानुसार समस्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायें तथा प्रशिक्षण कक्ष में सी०सी०टी०वी० कैमरे की समुचित व्यवस्था की जायें।
प्रशिक्षण में व्यय आदि से सम्बन्धित निर्देश परिषद के संदर्भित पत्र संख्या रा०शै०/3418-3683/2025-26 दिनांक 05.05.2025 के अनुसार होंगे।
उपुर्यक्त निर्देशों के क्रम में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण ससमय पूर्ण कराने का कष्ट करें।
प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को एकीकृत शिक्षण प्रशिक्षण मॉड्यूल 'सम्पूर्ण' के प्रशिक्षण विषयक निर्देश।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
7:02 AM
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