मिड-डे मील के साथ देशभर के बच्चों को नाश्ता देने की तैयारी, गुजरात व कर्नाटक में शुरू पहल को शिक्षा मंत्रालय ने अन्य राज्यों के साथ साझा कर मांगा प्लान

मिड-डे मील के साथ देशभर के बच्चों को नाश्ता देने की तैयारी, गुजरात व कर्नाटक में शुरू पहल को शिक्षा मंत्रालय ने अन्य राज्यों के साथ साझा कर मांगा प्लान

पीएम-पोषण से जुड़ी बैठक प्रमुखता से इससे जुड़े प्रस्ताव को शामिल करने का दिया सुझाव


नई दिल्ली: स्कूली बच्चों को पर्याप्त पोषण मुहैया कराने की मुहिम में दोपहर के भोजन (मिड-डे मील) के साथ ही अब उन्हें सुबह के समय पौष्टिक नाश्ता भी मुहैया कराने की तैयारी है। गुजरात और कर्नाटक में इस पहल के शुरू होने के बाद केंद्र सरकार अब अन्य राज्यों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने में जुर्टा है। इसके लिए सभी राज्यों के साथ गुजरात और कर्नाटक के प्लान को साझा क्रिया गया है इसके साथ हो पीएम-पोषण येजना के लिए होने वालो बैठक के दौरान इसे लेकर भी एक प्लान साझा करने को कहा गया है।


स्कूल के बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ सुबह का नाश्ता देने की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफरिश के बाद आगे बढ़ी है। इसमें कई अध्ययनों का हवाला देते हुए कह गया है कि बच्चों को सुबह पौष्टिक नाश्ता देने के बाद कुछ घंटों तक उननें मुश्किल विषयों को प्रभावी ढंग से सीखने की क्षमता बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ सुबह का नाश्ता देने की सफारिश की गई थी। एनईपी ने यह सिफारिश ऐसे समय की थी, जब यह जानकारी सामने आई थी कि स्कूलों में अधिकांश बच्चे सुबह खाली पेट ही रकूल आते हैं।

इस सिफारेश के बाद गुजरात और कर्नाटक ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीडीपी) माडल पर सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े कई फाउंडेशन के सहयेग से इसे शुरू किया है। इनमें राज्य सरकार और केंद्र की दूसरी पोषण योजना से मिलने वाली रशि का भी उपयोग किया जा रहा है। मंत्रलय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, दोनों राज्यों में स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ते के पैटर्न का अध्य्यन कराया गया है। जिसमें यह पाया गया है कि बाकी राज्य भी इसे आसनी से शुरू कर सकते हैं। राज्यों से इसे लेकर प्लान मांगा गया है। जरूरत पड़ने पर राज्यों को सहयोग दिया जाएगा। मौजूदा समय में देश नें करीब 25 करोड़ स्कूली बच्चे हैं, जबकि स्कूलों में आठवीं तक पढ्ने वाले बच्चों को ही मौजूदा समय में दोपहर का भोजन मुहैया कराया जाता है।


गुजरात और कर्नाटक में बच्चों को क्या दिया जाता है नाश्ते में

गुजरात में बच्चों को प्रतदिन नाश्ते में औसतन दो सौ किलो कैलोरी और छह ग्राम प्रोटीन मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। जिस्में दूध व बाजर जैसे मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं। राज्य सरकार ने इसे लेकर सीएम-पौष्टिक अल्पाहार योजना शुरू को है। स्कूलों में यह नाश्ते के समय ही परोसा जाता है।

कर्नाटक में भी बच्चों को नाश्ते में रानी हेल्थ मिक्स और दूध दिया जाता है। इसके साथ ही राप्ताह के चार से पांच दिन अंडे और केले भी दिए जाते हैं। राज्य सरकार, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और श्री सत्य साई अन्नपूर्णा ट्रस्ट के सहयोग से यह कार्यक्रम सचालित हो रहा है। 
मिड-डे मील के साथ देशभर के बच्चों को नाश्ता देने की तैयारी, गुजरात व कर्नाटक में शुरू पहल को शिक्षा मंत्रालय ने अन्य राज्यों के साथ साझा कर मांगा प्लान Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:44 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.