राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा प्रशिक्षण की मंजूरी के बाद स्नातक शिक्षा मित्रों के स्थायी शिक्षक बनने का रास्ता साफ

राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा प्रशिक्षण की मंजूरी के बाद  स्नातक शिक्षा मित्रों  के स्थायी शिक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया। इसके साथ ही वर्षों से स्थायी शिक्षक बनने का सपना देख रहे शिक्षा मित्रों के अरमानों को पंख लग गये। इन शिक्षा मित्रों की सूची पहले ही बीएसए कार्यालयों से बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजी चुकी है।

लंबे अरसे से लाठी डंडा खाकर संघर्ष करने वाले शिक्षा मित्रों के दर्द को आखिरकार राष्ट्रीय शिक्षा परिषद ने महसूस कर ही लिया। शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार की ओर से चार माह पूर्व एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा था। मगर राष्ट्रीय शिक्षा परिषद ने प्रस्ताव को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि प्राइमरी के शिक्षक के लिए बीटीसी प्रशिक्षण के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है। इधर लगातार प्रदेश भर के शिक्षा मित्र मुख्यालयों से लेकर प्रदेश की राजधानी में धरना प्रदर्शन करते रहे। कई बार तो सरकारी क्षति के साथ शिक्षा मित्रों को भी पुलिस की लाठियों का शिकार होना पड़ा। शिक्षा मित्रों के भारी दबाव को देखते राज्य सरकार ने एक बार फिर इन्हें प्रशिक्षण की मंजूरी के लिए एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा। इस बार तमाम बैठकों के बाद एनसीटीई ने शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण को हरी झंडी दे दी।

ऐसे होगा प्रशिक्षण
एनसीटीई से मिली मंजूरी के मुताबिक प्रदेश के सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर दो साल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण ४०-४० दिन का होगा जिसे गर्मियों की छुट्टियों में आयोजित किया जाएगा। सैद्धांतिक प्रशिक्षण के साथ ही शिक्षा मित्रों को उनके तैनाती के स्कूलों में प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा जो उनकी ड्यूटी का ही हिस्सा होगा। इस प्रकार से दो साल के प्रशिक्षण के बाद शिक्षा मित्रों को स्थायी शिक्षक के रूप में भर्ती किया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण और वरिष्ठता संबंधित नियम उसी दौरान बनाये जाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा प्रशिक्षण की मंजूरी के बाद स्नातक शिक्षा मित्रों के स्थायी शिक्षक बनने का रास्ता साफ Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 11:26 PM Rating: 5

1 comment:

Praveen Trivedi said...

शासन की मंशा यदि शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग दिलाने के बाद बतौर शिक्षक उसी स्कूल में उनकी तैनाती करने की है जिसमें वे अभी पढ़ा रहे हैं तो इसमें उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (तैनाती) प्रथम संशोधन नियमावली 2010 रोडा बनेगी। यदि शिक्षामित्रों की राह आसान करने के लिए सरकार नियमावली में संशोधन भी करती है तो इसे लेकर जबर्दस्त मुकदमेबाजी के आसार हैं। अध्यापक तैनाती नियमावली के मुताबिक बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त पुरूषों को सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्कूलों में पांच वर्ष और महिलाओं व विकलांगों को तीन वर्ष तक तैनात करने का प्रावधान है। इसके बाद ही उन्हें दूसरे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक शासन ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दिलाने के बारे में जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें उन्हें ट्रेनिंग के बाद उसी स्कूल में तैनाती देने की बात कही गई थी जिसमें वे वर्तमान में पढ़ा रहे हैं।

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