पत्राचार बीएड पर शिक्षक में नया पेंच

  • निवास प्रमाण पत्र को लेकर उठा विवाद
लखनऊ। पत्राचार के जरिये बीएड करने वालों को भी विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देने का भले ही आदेश 6 माह पहले जारी हुआ हो पर इसमें अभी पेंच है। यह निवास प्रमाण पत्र को लेकर है।
वर्ष 2004 में विशिष्ट बीटीसी के लिए आवेदन करने वाली कई महिला आवेदक ऐसी हैं जिनकी शादी हो चुकी है और उनका निवास बदल चुका है। इसलिए डायट पर ऐसे आवेदकों के प्रमाण पत्रों का मिलान नहीं किया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह कहते हैं कि शासन से इस संबंध में अनुमति मांगी गई है। जैसे ही निर्णय होगा ऐसे लोगों के प्रमाण पत्रों का मिलान कर प्रशिक्षण में मौका दिया जाएगा।
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बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। वर्ष 2004 में भी विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें पत्राचार बीएड करने वालों को शामिल होने से रोक दिया गया। तब उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो फैसला इनके पक्ष में हुआ। इसके बाद एससीईआरटी ने आवेदन फार्म जमा करने की तारीख बढ़ा कर पत्राचार से बीएड करने वालों से भी आवेदन लिए लेकिन एससीईआरटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दी।
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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया। एससीईआरटी ने इसके बाद पत्राचार से बीएड करने वालों को चयन प्रक्रिया से अलग कर दिया लेकिन जो मेरिट जारी की गई उसमें करीब 1500 ऐसे डिग्रीधारक आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पत्राचार डिग्रीधारकों ने सुप्रीम कोर्ट के दो जजों वाली बेंच में चुनौती दी। इस बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मेरिट में आने वाले पत्राचार डिग्रीधारकों को भी विशिष्ट बीटीसी का छह माह का प्रशिक्षण दिया जाए।



खबर साभार : अमर उजाला


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पत्राचार बीएड पर शिक्षक में नया पेंच Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:55 AM Rating: 5

1 comment:

Anonymous said...

pta nhi B.ed valo ka kya hoga. kbhi koi to kbhi court .

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