ननिहाल-ददिहाल गए बच्चों का आधार कैसे बनवाएं? सरकार द्वारा 15 दिन के जयंती अवकाश समाप्त करने के बाद अफसर शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियां खराब करने पर आमादा, अजीबोगरीब आदेशों से बढ़ रही शिक्षकों में बेचैनी

इलाहाबाद : प्रदेश सरकार वर्ष में 15 दिन का अवकाश पहले ही खत्म कर चुकी है। अब शिक्षकों गर्मी की छुट्टी का 40 दिन का अवकाश खराब होने को लेकर आशंकित हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे का आधार कार्ड और यूनीफार्म जून माह में बनवाने के आदेश से परिषदीय स्कूलों के शिक्षक परेशान हैं। उनकी परेशानी की वजह छुट्टी खराब होना ही नहीं है, बल्कि अवकाश में घर से बाहर गए बच्चों को बुलवाने के लिए वह क्या करें यह समझ नहीं पा रहे हैं। कुछ जिलों में तो शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश में जिला न छोड़ने तक का आदेश दिया गया है।




बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक अफसरों के तरह-तरह के आदेशों से परेशान हैं। बीमार होने पर छुट्टी मांगनी हो तो मोबाइल पर प्रार्थना पत्र भेजना पड़ रहा है। स्कूल में प्रार्थना करते बच्चों की सेल्फी लेकर हर दिन रिपोर्ट भेजनी होती है। मिडडे-मील व अन्य तमाम तरह के निर्देश अलग से लागू हैं। प्रदेश सरकार ने कुछ माह ने पिछले माह 15 महापुरुषों पर सार्वजनिक अवकाश खत्म कर दिया है। यहां तक गनीमत रही है, लेकिन बीते 20 मई के बाद से जिस तरह के निर्देश जारी हो रहे हैं उससे शिक्षकों की बेचैनी बढ़ी है।




प्रदेश भर के परिषदीय, अशासकीय और मदरसा आदि में 20 मई से गर्मी की छुट्टी हो गई है। इसी बीच सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक ने आदेश दिया कि मई व जून माह में हर बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाया जाए। यह कार्य शिक्षकों के जुटे बगैर संभव नहीं है, लेकिन तमाम ऐसे बच्चे हैं जो छुट्टियों में अभिभावकों के साथ सुदूर या फिर नाना-बाबा के घर चले गए हैं। शिक्षक उनका आधार कैसे बनवाए? यह उन्हें नहीं सूझ रहा है।





यही नहीं जून में ही हर छात्र-छात्र ही यूनीफार्म भी तैयार कराई जानी है, ताकि स्कूल खुलने पर 15 जुलाई तक उसका वितरण किया जा सके। इसमें भी शिक्षकों को अहम रोल अदा करना है, लेकिन बच्चों की गैरहाजिरी सबको अखर रही है। परिषद सचिव ने सोमवार को ही यूनीफार्म के लिए जवाबदेही भी तय कर दी है इससे अफसर शिक्षकों पर दबाव बनाये हैं कि वह यूनीफार्म हर हाल में इसी माह में तैयार करवा दें। लखनऊ मंडल के अफसरों ने शिक्षकों को जिला न छोड़ने का आदेश तक दिया है। इसके अलावा कक्षावार बच्चों की सूचना निश्शुल्क किताबों के लिए भी भेजी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल खुलने पर आधार व यूनीफार्म का कार्य प्राथमिकता पर पूरा कराया जा सकता है, लेकिन अफसर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं।

ननिहाल-ददिहाल गए बच्चों का आधार कैसे बनवाएं? सरकार द्वारा 15 दिन के जयंती अवकाश समाप्त करने के बाद अफसर शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियां खराब करने पर आमादा, अजीबोगरीब आदेशों से बढ़ रही शिक्षकों में बेचैनी Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 5:35 AM Rating: 5

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