शिक्षामित्र मामले में केवल 6 घंटे सुनवाई की सुनवाई के बाद फैसला होगा सुरक्षित, शुक्रवार से दो घंटे की सुनवाई

नईदिल्ली। उत्तर प्रदेश में पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने के मामले में सुनवाई शुक्रवार को होगी। बुधवार को कोर्ट का समय समाप्त होने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा कि शुक्रवार को दो बजे से सुनवाई होगी जो चार बजे तक चलेगी। उसके बाद सोमवार और मंगलवार को दो दो घंटे के लिए सुनवाई होगी।





पीठ ने कहा कि इस मामले में सिर्फ छह घंटे सुनवाई होगी उसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया जाएगा। बुधवार से सर्वोच्च अदालत में ग्रीष्मावकाश शुरू हो रहा है। अधिवक्ता शांतिभूषण और राम जेठमलानी ने बुधवार को शिक्षामित्रों की ओर से बहस की। विसंउन्होंने कहा कि सरकार को 18 वर्ष से काम कर रहे शिक्षामित्रों को एक पूल की तरह से देखने का अधिकार है। यह पूल एक भर्ती स्नेत है जिसे सहायक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए इस्तेमाल करने में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह से योग्य और शैक्षणिक योग्यता में पूर्ण है। हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य ठहराकर कर गलत किया है।




सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शिक्षामित्रों की नियुक्ति पर सवाल उठाया था और टिप्पणी की थी कि शिक्षामित्रों की नियुक्ति संविधानिक सिद्धांतों के अनुसार नहीं की गई है। हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 में शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त करने के खिलाफ फैसला दिया था और सभी नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है।

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