निजी स्कूलों में 25% गरीब बच्चों को मुफ्त प्रवेश अगले साल
- प्रवेश दिलाने से पहले होगा बच्चों का सर्वे
- आरटीई राज्य सलाहकार परिषद की बैठक में बनी सहमति
- प्रदेश के हर ब्लॉक में बनेंगे दो मॉडल स्कूल
लखनऊ।
प्रदेश के गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर मुफ्त
प्रवेश पाने के लिए अभी अगले सत्र का इंतजार करना पड़ेगा। बच्चों को प्रवेश
दिलाने से पहले विधिवत सर्वे कराया जाएगा। इसमें चिह्नित किया जाएगा कि
कितने बच्चे स्कूल जा रहे हैं और कितने नहीं। बच्चों के घर से कितनी दूरी
पर निजी स्कूल है। साथ ही गरीब बच्चों को मुफ्त प्रवेश दिलाने के एवज में
फीस प्रतिपूर्ति देने पर खर्च होने वाली राशि को केंद्र से देने का अनुरोध
किया जाएगा। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने यह जानकारी
दी। वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गठित राज्य सलाहकार परिषद की
गुरुवार को पहली बैठक में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे
थे।
बैठक एक स्थानीय होटल में हुई। इसमें
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री वसीम अहमद
व योगेश प्रताप सिंह, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के
प्रोफेसर डॉ. हरिकेश सिंह, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार समेत 12
सदस्य शामिल हुए। सलाहकार समिति की बैठक में सबसे पहले प्रदेश में लागू
शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर चर्चा की गई। इसमें अधिकारियों से कहा गया
कि विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने
से पहले शिक्षा की क्या स्थिति थी, अब क्या है और भविष्य में क्या होगी।
इसके लिए एक शैक्षिक मानचित्र भी तैयार किया जाए।
बेसिक
शिक्षा मंत्री ने बताया कि सलाहकार परिषद ने बच्चों का पूर्ण नामांकन,
कक्षा एक से आठ तक की प्रगति और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा का संकल्प
लिया है। कहा कि अभिभावकों के अंदर सरकारी स्कूलों के प्रति अविश्वास पैदा
कर दिया गया है। यह प्रचारित किया जा रहा है कि सरकारी शिक्षा ठीक नहीं है।
इसलिए अभिभावकों के अंदर पैदा हुए अविश्वास को समाप्त कर विश्वास पैदा
किया जाएगा। शिक्षकों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम की जानकारी देने के लिए
जनपहल नामक पुस्तक दी जाएगी। सलाहकार परिषद की बैठक अब हर तीन माह पर होगी। (साभार-:-अमर उजाला)
निजी स्कूलों में 25% गरीब बच्चों को मुफ्त प्रवेश अगले साल
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:50 AM
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