शिक्षा मित्रों के समायोजन को लेकर माथापच्ची : आज प्रस्ताव भेजने की है अंतिम तिथि
- शिक्षा मित्रों के समायोजन को लेकर माथापच्ची
- शिक्षा सहायक के पद पर समायोजित किए जाने पर चल रहा विचार
- आज प्रस्ताव भेजने की है अंतिम तिथि
शिक्षा सहायक के पद पर समायोजित किए जाने पर चल रहा विचार, आज प्रस्ताव भेजने की है अंतिम तिथि
लखनऊ (डीएनएन)। उत्तर प्रदेश में भले ही शिक्षा मित्रों को समायोजित करने को लेकर टीईटी विवाद की माथापच्ची चल रही है। लेकिन उड़ीसा में बिना टीईटी ही शिक्षा मित्रों को शिक्षा सहायक के पद पर समायोजित करने की नीति तैयार की गई है। इसके अलावा राजस्थान में भी शिक्षा मित्रों को शिक्षा सहायक के पद पर समायोजित किए जाने की रणनीति बनाई जा रही है। लेकिन यहां हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
दरअसल, प्रदेश के परिषदीय विालयों में तैनात एक लाख 70 हजार शिक्षा मित्रों को समायोजित किए जाने के फैसले के बाद विभागीय अधिकारी माथापच्ची करने में जुटे हैं। जानकारों की मानें तो अधिनियम-1972 के नियम-19 में ऐसी व्यवस्था है जिससे नया पद स्वीकृत किया जा सकता है। इस पद पर शिक्षक के समान ही वेतनमान व अन्य सुविधाएं दी सा सकती हैं लेकिन इनके पदनाम में शिक्षक शब्द नहीं जोड़ा जा सकता। क्योंकि शिक्षक शब्द जुड़ते हुए शिक्षा मित्रों के लिए टीईटी की अनिवार्यता जुड़ जाएगी। इसलिए अफसर कई राज्यों से भी जानकारी जुटा रहे हैं। जानकारों की मानें तो उड़ीसा राज्य में बिना टीईटी ही शिक्षा मित्रों को शिक्षा सहायक के पद पर समायोजित किए जाने की रणनीति बनी है। साथ ही यह भी तय किया गया है जिन शिक्षा मित्रों की नियुक्ति तीन साल की हो गई है उन्हें समायोजित कर दिया जाए। फिलहाल उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्र को सहायोजित किए जाने को लेकर शुक्रवार को दिन भर शासन में माथापच्ची जारी रही। अब गुरुवार को प्रस्ताव भेजने का अंतिम दिन है।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
- खानपान व यूनिफॉर्म भी देखेंगे शिक्षामित्र
लखनऊ।
सरकार ने शिक्षामित्रों को समायोजित करने का फॉर्मूला खोज लिया है। टीईटी
का झंझट खत्म करते हुए इन्हें शिक्षा सहायक बनाया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी
सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलने वाली योजनाओं को देखना होगा। मसलन बच्चों
को कैसा खाना मिल रहा है, यूनिफॉर्म मिला या नहीं, समय से किताबें मिल रही
हैं या नहीं। इसके अलावा स्कूलों में शिक्षक जो लिखा-पढ़ी के काम करते हैं
वे सब इन्हें करना होगा। विभाग चाहता है कि इन्हें सहायक अध्यापक के समान
9300 से 34800 वेतनमान और ग्रेड पे 4200 दे दिया जाए, पर अंतिम निर्णय पद
सृजन और वित्त विभाग की मंजूरी पर निर्भर होगा। नियमावली बनाने के लिए
शुक्रवार को इस प्रारूप पर मंथन हुआ।
प्रदेश
के प्राथमिक स्कूलों में 1.70 लाख शिक्षा मित्र हैं। इनके लिए अब नया
वेतनमान और पदनाम बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972
के नियम 19 में दी गई व्यवस्था के तहत निदेशालय को यह अधिकार है कि वह अलग
से पद सृजित कर सकता है। इसके आधार पर ही नया पद सृजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से पद और वेतनमान पर अनुमति मिलने के बाद कार्मिक विभाग से
पदों का सृजन कराया जाएगा। इसके बाद शिक्षा मित्रों के समायोजन की
प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
शिक्षा
मित्रों को यदि शिक्षक पद पर समायोजित किया जाता तो टीईटी का पेंच फंसता।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राज्य सरकार ने नियमावली बना दी
है कि शिक्षक बनाने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य होगा। हाईकोर्ट का भी
यही आदेश है। इसलिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है।
शिक्षा मित्रों के समायोजन को लेकर माथापच्ची : आज प्रस्ताव भेजने की है अंतिम तिथि
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:45 AM
Rating:
9 comments:
Bilkul shahi rasta hai
Without tet it is illegal to appoint a shikshamiitra.
Without tet it is illegal to appoint a shikshamiitra.
Goodoo
Goodoo
Good idea aisa ho to
Goodoo
सत्य बात हे!
Without TET it is illigal and can be challanged in HC easilly
Post a Comment