दुकानदारों से छिप रहे हैं हेडमास्टर : विभाग पैसे दे नहीं रहा
प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यो और स्कूल प्रभारियों के लिए इन दिनों अजब मुश्किल है। बच्चों को बमुश्किल यूनिफार्म तो बनवा दी है, लेकिन अब दुकानदार पैसे के लिए तगादा कर रहे हैं। शिक्षा विभाग पैसे दे नहीं रहा है ऐसे में शिक्षकों को बचकर निकलना पड़ रहा है। प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को सरकार की ओर से दो यूनिफार्म दी जाती हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से दो यूनिफार्म के लिए मात्र चार चार सौ रुपये दिए जाते हैं।
हैरत की बात है कि इस कीमत में ही यूनिफार्म के कपड़े की कीमत और सिलाई दोनों ही शामिल हैं। अमूनन बच्चों को जुलाई में सत्र शुरू होती ही डेस मिलनी चाहिए, लेकिन वितरण में इस कदर लापरवाही बरती गई कि बच्चों को दिसंबर तक यूनिफार्म मिल सकी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को 75 प्रतिशत की राशि जारी कर दी थी। प्राथमिक शिक्षक संघ के नगर इकाई के अध्यक्षखल्लीउल्ला खान का कहना है कि मौजूदा सत्र खत्म होने के करीब कगार पर है, लेकिन अब स्कूलों को पैसा नहीं जारी किया गया है। नियमानुसार ड्रेस वितरण के बाद क्रय-विक्रय समितियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र के बाद शेष पचीस प्रतिशत राशि एक महीने बाद ही जारी कर देनी चाहिए थी, लेकिन अब तक पैसा नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि तमाम प्रधानाचार्यो के लिए स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है। दुकानदार अपना बकाया पैसा के लिए रोजाना तगादा कर रहे हैं जो किसी शिक्षक के लिए बड़ी असहज स्थिति है।
शर्मिदा होना पड़ रहा शिक्षकों को
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष लल्लन मिश्र का कहना है कि शिक्षक समाज का सम्मानित होता है और अगर उसे इस तरह विभागीय लापरवाही के कारण शर्मिदा होना पड़े तो पूरे समाज के लिए यह सोचनीय प्रश्न है। विभाग को तत्काल कम से उन स्कूलों को तो राशि जारी ही कर देनी चाहिए थी जो अब डेस वितरण का काम पूरा कर चुका हैं। इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद का कहना है कि जिला खेल प्रतियोगिता के बाद इस बकाया भुगतान को लेकर बात करूंगा। शिक्षकों को किसी तरह की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका निदान होगा।
खबर साभार : दैनिक जागरण
दुकानदारों से छिप रहे हैं हेडमास्टर : विभाग पैसे दे नहीं रहा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:29 AM
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