निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त प्रवेश का बदलेगा मानक : फीस प्रतिपूर्ति का नया फंडा
लखनऊ
(ब्यूरो)। सूबे के निजी स्कूलों के 25 फीसदी सीटों पर गरीब बच्चों को
मुफ्त प्रवेश देने के लिए मानक बदले जाएंगे। अब दाखिला के लिए सरकारी
स्कूलों के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। उन्हें निजी स्कूलों में
प्रवेश के लिए सिर्फ आवेदन करना होगा। उनकी फीस की प्रतिपूर्ति सरकार
करेगी। पहले चरण में यह व्यवस्था राजधानी में लागू करने की तैयारी है। इसके
बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य
परियोजना निदेशालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।
प्रस्ताव
में कहा गया है कि प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की वजह से बच्चों को निजी
स्कूलों में दाखिला लेने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए पहले चरण में
प्रयोग के तौर पर लखनऊ में इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी जाए और बच्चों को
सीधे निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर दाखिले की अनुमति दे दी जाए। लखनऊ
में इसकी अनुमति देने पर कक्षा एक के छात्रों को फीस की प्रतिपूर्ति पर
सालाना करीब 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे और कक्षा 8 तक बच्चों के पहुंचे पर
करीब 300 करोड़ का खर्च आएगा।
ऐसे तो बंद हो जाएंगे सरकारी स्कूल
सर्व
शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय के प्रस्ताव पर अगर शासन अमल
करता है तो जानकारों के मुताबिक इससे सरकारी स्कूल बंदी की कगार पर आ
जाएंगे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में यह व्यवस्था दी गई है कि सरकारी
स्कूलों में बच्चों को प्रवेश न मिलने पर ही निजी स्कूलों में प्रवेश की
अनुमति दी जाएगी, यदि ऐसा होता है तो सभी अभिभावक चाहेंगे कि उनके बच्चे
निजी स्कूलों में पढ़ें और कोई सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं
भेजेगा।
खबर साभार : अमर उजाला
निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त प्रवेश का बदलेगा मानक : फीस प्रतिपूर्ति का नया फंडा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:26 AM
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3 comments:
Shabhi abibhavk chahenge privet school me padhe hmare bacche phisa nhi deni hai to ase me sarkari school band ho jayenge
Aise to sarkari school band ho jayenge
maire vichar se sarkari schools clouse hone chahiai kyoki sarkari teachers per falto ka paisa kharch ho raha hai
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