प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया उलझी
- 4 अगस्त तक जारी होने थे नियुक्ति पत्र,लेकिन प्रत्यावेदनों का काम भी नहीं हो सकेगा पूरा
- 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए लाखों आवेदन डायट मुख्यालयों पर बोरों में भरे हीलाहवाली
लखनऊ। सूबे के परिषदीय स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती अब प्रत्यावेदनों में उलझ गयी है। चार जुलाई को जिले स्तर पर जारी की गयी आवेदकों की वरीयता सूची में खामियों की भरमार ने प्रत्यावेदनों का अम्बार लगा दिया है। विभागीय अफसरों को इन प्रत्यावेदनों को दुरुस्त करने में अभी से पसीना आने लगा है और बोरों में भरे प्रत्यावेदनों का डाटा 12 अगस्त तक जिलों में डायट पर तैयार हो सकेगा, इसको लेकर अभी से असमंजस की नौबत बन गयी है।
प्रदेश में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को दी गयी है। इसके तहत सभी कुछ काम जिलों में डायट मुख्यालयों पर किया गया। 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 68 लाख आवेदन पत्र आये थे। इनमें एक-एक अर्भी के 50 से ज्यादा फार्म शामिल हैं। इन फार्म की डाटा फीडिंग डायट पर बीटीसी का प्रशिक्षण करने वाले विद्यार्थियों की मदद से कराया गया।
विद्यार्थी प्रोफेशनल नहीं थे, लिहाजा आवेदन पत्रों के आधार पर तैयार की गयी वरीयता में खामियों का बोलबाला था। 4 जुलाई को जब वरीयता सूची जारी की गयी तो अभ्यर्थियों को अपनी मेरिट जानने के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ा, इसके बाद पांच वेबसाइटों व कई दिनों के लम्बी प्रक्रिया के बाद प्रत्यावेदन डाउन लोड हो पाये। अब प्रत्यावेदन डायटों में बोरो में भरे हैं, हर एक अभ्यर्थी ने सभी जिलों में प्रत्यावेदन भेजे हैं, लिहाजा इनकी संख्या का वास्तविक आंकलन कर पाना विभाग के लिए भी मुश्किल हो रहा है।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट की मॉनीटरिंग में हो रही है, राज्य सरकार को साढ़े चार महीने की मोहलत मिली है, लेकिन इस समय-सीमा में भर्ती हो पाना लगातार टेढ़ा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने भर्ती का कैलेण्डर जारी कर दिया तो सभी कुछ लाइनअप लगने लगा, लेकिन पहला चरण 4 जुलाई को वरीयता जारी होने के बाद आगे नहीं बढ़ पाया। अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 23 जुलाई तक हो जाती थी और पांच अगस्त तक मूल प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना था, लेकिन अभी आरक्षण को लगाकर अंतिम वरीयता सूची ही जारी नहीं हो पायी है और प्रत्यावेदनों के भार में उलझी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की रफ्तार ही थम सी गयी है। ऐसे में 14 अगस्त तक नियुक्ति पत्र जारी करना दूर मेरिट भी जारी होने की स्थिति नहीं बन पा रही है।
सूत्रों का कहना है कि अब डायटों को एससीईआरटी की ओर से 12 अगस्त तक डाटा फीडिंग को एनआईसी के तैयार किये गये साफ्टवेयर पर कराना है, लेकिन इसको समय से पूरा हो पाने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं।
प्रदेश में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को दी गयी है। इसके तहत सभी कुछ काम जिलों में डायट मुख्यालयों पर किया गया। 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 68 लाख आवेदन पत्र आये थे। इनमें एक-एक अर्भी के 50 से ज्यादा फार्म शामिल हैं। इन फार्म की डाटा फीडिंग डायट पर बीटीसी का प्रशिक्षण करने वाले विद्यार्थियों की मदद से कराया गया।
विद्यार्थी प्रोफेशनल नहीं थे, लिहाजा आवेदन पत्रों के आधार पर तैयार की गयी वरीयता में खामियों का बोलबाला था। 4 जुलाई को जब वरीयता सूची जारी की गयी तो अभ्यर्थियों को अपनी मेरिट जानने के लिए कई दिनों का इंतजार करना पड़ा, इसके बाद पांच वेबसाइटों व कई दिनों के लम्बी प्रक्रिया के बाद प्रत्यावेदन डाउन लोड हो पाये। अब प्रत्यावेदन डायटों में बोरो में भरे हैं, हर एक अभ्यर्थी ने सभी जिलों में प्रत्यावेदन भेजे हैं, लिहाजा इनकी संख्या का वास्तविक आंकलन कर पाना विभाग के लिए भी मुश्किल हो रहा है।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट की मॉनीटरिंग में हो रही है, राज्य सरकार को साढ़े चार महीने की मोहलत मिली है, लेकिन इस समय-सीमा में भर्ती हो पाना लगातार टेढ़ा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने भर्ती का कैलेण्डर जारी कर दिया तो सभी कुछ लाइनअप लगने लगा, लेकिन पहला चरण 4 जुलाई को वरीयता जारी होने के बाद आगे नहीं बढ़ पाया। अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 23 जुलाई तक हो जाती थी और पांच अगस्त तक मूल प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना था, लेकिन अभी आरक्षण को लगाकर अंतिम वरीयता सूची ही जारी नहीं हो पायी है और प्रत्यावेदनों के भार में उलझी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की रफ्तार ही थम सी गयी है। ऐसे में 14 अगस्त तक नियुक्ति पत्र जारी करना दूर मेरिट भी जारी होने की स्थिति नहीं बन पा रही है।
सूत्रों का कहना है कि अब डायटों को एससीईआरटी की ओर से 12 अगस्त तक डाटा फीडिंग को एनआईसी के तैयार किये गये साफ्टवेयर पर कराना है, लेकिन इसको समय से पूरा हो पाने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया उलझी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:21 PM
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