टीईटी का पेपर कठिन आने से परीक्षार्थियों के माथे पर आया पसीना, गणित और बाल मनोविज्ञान के प्रश्नों को देखकर परीक्षार्थी हुए परेशान
इलाहाबाद : टीईटी का पेपर कठिन आने से परीक्षार्थियों के माथे पर पसीना आ रहा था। बाल विकास के प्रश्नों को देखकर परीक्षार्थी परेशान नजर आए। सोमवार को सेंट एंथोनी गल्र्स इंटर कालेज से परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थी प्रश्नों और उनके उत्तर पर मंथन करते रहे। एक दूसरे से उनके द्वारा लिखे गए उत्तरों से मिलान करते रहे।
परीक्षार्थियों ने बताया कि गणित और बाल मनोविज्ञान में कई कठिन प्रश्न आए। यहां तक कि किस सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया, यह तक पूछ लिया गया था। इससे अधिकांश उत्तर गलत हो गए। वहीं, जीएस में भी मिलते जुलते प्रश्न पूछे जाने से परीक्षार्थियों को हल करने में परेशानी हुई। परीक्षार्थियों ने बताया कि शिक्षा को द्विध्रुवीय किसने कहा है? रेशम कीट की किस अवस्था से रेशम प्राप्त होता है, ऐसे प्रश्नों के उत्तर खोजने में परेशानी हुई।
जब परीक्षार्थियों से परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों पर बातचीत की तो परीक्षार्थियों ने खुलकर अपने विचार रखे। पेश है अभ्यर्थियों से बातचीत के अंश..।
⚫ बाल विकास के प्रश्न कठिन थे। सिद्धांत से संबंधित अधिक प्रश्न पूछे गए। यही कारण है कि पेपर बहुत अच्छा नहीं हुआ। -नीलेश अग्रवाल
⚫ आशा थी कि जीएस में करेंट अफेयर्स अधिक पूछा जाएगा लेकिन जैसे ही पेपर खोलकर देखा तो सारा उत्साह खत्म हो गया। आशा के अनुरूप पेपर नहीं आया। -अजय मिश्र
⚫ बाल विकास व संस्कृत के प्रश्न कोर्स के बाहर से पूछ लिए गए थे। कई प्रतियोगी पुस्तकों का अध्ययन किया था। लेकिन उनसे प्रश्न नहीं मिले। पेपर ठीक नहीं होने से निराशा हुई। -चंदन उपाध्याय
⚫ कुल मिलाकर पेपर ठीक ही था। न बहुत कठिन था न सरल। आउट ऑफ कोर्स प्रश्न पूछे गए थे। इस वजह से हल करने में समस्या हुई। -आशीष शुक्ला।
टीईटी का पेपर कठिन आने से परीक्षार्थियों के माथे पर आया पसीना, गणित और बाल मनोविज्ञान के प्रश्नों को देखकर परीक्षार्थी हुए परेशान
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1
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8:02 AM
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