45 हजार परिषदीय स्कूल होंगे बिजली से रौशन, स्कूलों में विद्युतीकरण का कार्य डीएम की देखरेख में होगा
स्कूलों में विद्युतीकरण का कार्य जिलाधिकारी की देख रेख में किया जाएगा। जिलाधिकारी विद्यालयों में आपूर्ति किए गए विद्युत उपकरणों की गुणवत्ता का सघन पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण करेंगे। साथ ही गुणवत्ता खराब पाए जाने पर सबंधित के खिलाफ कठोर विधिक कार्यवाही करेंगे। वहीं बेसिक शिक्षा निदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक की भी जिम्मेदारी होगी कि प्रत्येक विद्यालय में मानक एवं गुणवत्ता के अनुसार विद्युतीकरण का काम तथा उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित हो।
लखनऊ (डीएनएन)। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित राजधानी के 328 विद्यालयों के दिन बहुरने वाले हैं। अब यहां के बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। शासन ने राजधानी सहित प्रदेश भर के 45,809 परिषदीय विद्यालयों में विद्युतीकरण के लिए बजट की मंजूरी दे दी है। इनमें राजधानी के 328 विद्यालय भी शामिल हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।दरअसल, बसपा सरकार में प्रत्येक जिले में 976 विद्यालयों में विद्युतीकरण की व्यवस्था की गई थी। इनमें पांच ट्यूबलाइट, पांच पंखे तथा वायरिंग के लिए बजट दिया गया था। उसकेबाद भी हजारों विद्यालय ऐसे रह गए, जहां बिजली अब तक नहीं लग सकी थी।
चूंकि 2017 में उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव में हैं, ऐसे में चुनाव आयोग के निर्देश के बाद प्रदेश भर के 45,809 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्युतीकरण की व्यवस्था के लिए शासन ने 31,86,00,000 रुपए का बजट जारी कर दिया। हालांकि बिजली की व्यवस्था उन विद्यालयों में की जाएगी जिन्हें पोलिंग बूथ बनाने के लिए चुना गया है। वहीं बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा के मुताबिक विद्युतीकरण के लिए प्रति विद्यालय 6955 रुपए की दर से धनराशि स्वीकृत की गई है। विद्यालयों में विद्युत उपकरणों की आपूर्ति पूर्ण गुणवत्ता के साथ की जाएगी। यदि किसी भी विद्यालय में घटिया विद्युत उपकरण पाया जाता है तो उसके लिए संबंधित अधकारी जिम्मेदार होगा।
45 हजार परिषदीय स्कूल होंगे बिजली से रौशन, स्कूलों में विद्युतीकरण का कार्य डीएम की देखरेख में होगा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:17 AM
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