मिड डे मील के रसोइयों को न्यूनतम वेतन मिले, संसदीय समिति ने न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की, ज्यादातर राज्यों में एक हजार रूपए है वेतन

⚫ स्कूलों में रसोइयों को सिर्फ एक हजार का मासिक वेतन मिलता

नई दिल्ली  :  मानव संसाधन एवं विकास मंत्रलय से संबद्ध राज्यसभा की स्थायी समिति ने मिड डे मील योजना के तहत काम करने वाले रसोइयों को न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की है। ज्यादातर राज्यों में इन रसोइयों को बहुत कम वेतन मिल रहा है। केंद्र सरकार ने जब से योजना शुरू की है, उनका वेतन एक हजार रुपये ही तय है।


राज्यसभा सांसद सत्यनारायण जटिया की अध्यक्षता वाली समिति ने 15 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की थी। इसमें कहा गया है कि मिड डे मील में कार्यरत रसोइयों का वेतन हर राज्य में अलग-अलग है। कहीं कम मिल रहा है तो कहीं ज्यादा। कहीं तो वेतन ही समय पर नहीं मिलता। बेहतर हो कि इसे एक समान किया जाए। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो न्यूनतम वेतन घोषित है, उतना तो इन्हें मिलना ही चाहिए।


अकुशल श्रमिकों के लिए केंद्र का न्यूनतम वेतन 350 रुपये प्रतिदिन है। रसोइयों को दस हजार रुपये प्रतिमाह मिलना चाहिए। केरल में रसोईये 9500 रुपये वेतन पाते हैं। कई राज्यों में सिर्फ एक हजार रुपये मिलता है जो केंद्र से तय है।

मिड डे मील के रसोइयों को न्यूनतम वेतन मिले, संसदीय समिति ने न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की, ज्यादातर राज्यों में एक हजार रूपए है वेतन Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:44 PM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.