सर्वशिक्षा अभियान पर ग्रहण, बच्चों को पुस्तकें समय से मिलना फिर मुश्किल, विभाग अब तक शासन से आदेश जारी होने का कर रहा इन्तजार
⚫ नए सत्र में परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों व मदरसा के लगभग दो करोड़ बच्चे होंगे प्रभावित
⚫ सत्र 2016 में पुस्तकें बांटने की प्रक्रिया पूरी तरह से पटरी से उतरी
⚫ अप्रैल माह में बांटी जाने वाली पुस्तकें बच्चों को अक्टूबर माह में दी गयीं
⚫ विभाग अब तक शासन से आदेश जारी होने का करता रहा इंतजार
बेसिक शिक्षा परिषद के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र में समय से पुस्तकें मिल पाना मुश्किल है। इससे परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा मदरसा में पढ़ रहे लगभग दो करोड़ बच्चे प्रभावित होंगे। स्थिति यह है कि अब तक किताबें छपने की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई है।
ज्ञात हो सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा मदरसा आदि में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। गत वर्ष तक पुस्तकें छपवाने की प्रक्रिया फरवरी-मार्च में शुरू हो जाती थी तथा जून माह तक पुस्तकें स्कूलों में भेज दी जाती थीं। इधर सत्र 2016 में पुस्तकें बांटने की प्रक्रिया पूरी तरह से पटरी से उतर गयी। स्थिति यह रही कि अप्रैल माह में बांटी जाने वाली पुस्तकें बच्चों को अक्टूबर माह में दी गयी। इस मामले में एक जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय में दायर की गयी, जिस पर न्यायालय ने विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी भी जतायी थी। साथ ही पूछा था कि नए शैक्षिक सत्र में बच्चों को पुस्तकें देने की क्या तैयारी है।
इस मामले में विभाग अब तक शासन का आदेश जारी होने का इंतजार कर रहा है। उधर प्रदेश के परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों व मदरसा आदि में पढ़ने वाले लगभग दो करोड़ बच्चों के लिए 12 करोड़ पुस्तकें छापी जानी हैं। इसके लिए टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से गत वर्ष 22 प्रकाशक तय किए गये थे। इस वर्ष शैक्षिक सत्र 2017 के लिए पुस्तकों को छापने की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन को एक माह पूर्व ही प्रस्ताव भेजा था। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब तक शासन से इसका कोई भी आदेश नहीं जारी किया गया है, जबकि इतनी बड़ी संख्या में पुस्तकें छापने व उन्हें विभिन्न जिलों तक पहुंचाने में लगभग तीन माह का समय अवश्य लगेगा।
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