राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम पांच फरवरी तक देना होगा जरूरी
⚫ उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए 17 सामान्य व दो विकलांग तथा राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए 17 शिक्षक - शिक्षिकाओं का होगा चयन
लखनऊ । राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पांच फरवरी तक शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम का अनुमोदन करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए 17 सामान्य व दो विकलांग तथा राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए 17 शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया जाना है। बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने सभी मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। पुरस्कार के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या घट-बढ़ भी सकती है।
पुरस्कार के लिए किसी भी शिक्षक-शिक्षिका से आवेदन पत्र नहीं मांगा जाएगा। जनपद स्तर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी, उप बेसिक शिक्षा अधिकारी व दो वरिष्ठ खण्ड शिक्षा अधिकारियों की समिति जिले के उत्कृष्ट शिक्षकों को चिन्हित करेगी। साथ ही उन्हें पुरस्कर के लिए चयनित करने के संबंध में उनके गुण-दोष तथा उत्कृष्ट कायरे की समीक्षा की जाएगी। इस दौरान शिक्षकों द्वारा शैक्षिक क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कायरे को भी ध्यान में रखा जाएगा। संस्तुति किए जाने के समय यह ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षक प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
चिन्हित करते समय यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि शिक्षिकाओं को भी पर्याप्त अवसर मिल सकें। इसके लिए सहायक अध्यापक के रूप में पन्द्रह वर्ष नियमित शिक्षण कार्य का अनुभव तथा प्रधान अध्यापक के रूप में 20 वर्ष का नियमित शिक्षण कार्य का अनुभव जरूरी है। विशिष्ट श्रेणी (विकलांग) के शिक्षकों (सहायक अध्यापक) के लिए शिक्षण कार्य का अनुभव दस वर्ष तथा प्रधानाचार्य के लिए पन्द्रह वर्ष का अनुभव होना जरूरी है।
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