अल्पसंख्यक कॉलेजों को हाईकोर्ट का निर्देश,डायट से भेजे छात्रों का भी बीटीसी कोर्स में प्रवेश लें, पहले से प्रवेश ले चुके छात्र भी सुरक्षित

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बख्शी टीचर्स टेनिंग इंस्टीट्यूट जुनैद पट्टी, फूलपुर व सिटिजन गल्र्स कालेज बलरामपुर नैनी इलाहाबाद को बीटीसी कोर्स में डायट द्वारा भेजे गए छात्रों का प्रवेश लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि बची हुई सीटें नियमानुसार कालेज अपनी मर्जी से भर सकेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कुमारी रुचि सिंह व सिटिजन गल्र्स कालेज की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना है कि पिछड़ा वर्ग कोर्ट में उसे 206.85 अंक मिले हैं। महिला साइंस की कट ऑफ मार्क 204.68 अंक है। उसने 21 सितंबर 16 को 41 हजार रुपये फीस और मूल पत्रवली जमा कर काउन्सिलिंग में हिस्सा लिया। बाद में बताया गया प्राइवेट कालेजों की 1700 सीटें कम कर 1600 कर दी गई है इसलिए मेरिट 233.50 हो गई है। याची को कालेज ने प्रवेश देने से इन्कार कर दिया जिस पर यह याचिका दाखिल की गई। 14 जून 16 को दोनों कालेज अल्पसंख्यक घोषित हो गए। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इन छात्रों का प्रवेश लिया जाय। जो पहले से प्रवेश पा चुके हैं वे कायम रहेंगे।

डायट के प्राचार्य ने इन दोनों अल्पसंख्यक कालेजों में 27 छात्रों के बीटीसी कोर्स में प्रवेश की सूची भेजी थी जिसमें केवल नौ छात्र सिटिजन कालेज में प्रवेश लेने के लिए आए, छह छात्र बख्शी इंस्टीट्यूट चले गए। कोर्ट ने नौ छात्रों को प्रवेश के लिए अधिकृत करते हुए कहा है कि कालेज ने जिन दूसरे छात्रों का प्रवेश ले लिया है, वे भी संरक्षित रहेंगे। कोर्ट ने यह आदेश दोनों पक्षों की सहमति से पारित किया है।

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