बेसिक शिक्षा मंत्री ने किया स्कूलों का औचक निरीक्षण, प्राइमरी स्कूलों में अब सिर्फ इमला-पहाड़ा नहीं
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों की हालत खराब होने के पीछे एक बड़ा कारण स्कूलों में शिक्षकों की समय से उपस्थिति न होना है। इसके लिए सरकार नयी व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसी के तहत स्कूलों में अध्यापकों के समय से आने के लिए सेल्फी व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसमें अध्यापक को आने-जाने और मध्यान्ह भोजन के समय सेल्फी लेनी होगी। सेल्फी को कभी भी अचानक चेक किया जा सकता है। यह बात बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल ने यहां बृहस्पतिवार को कही।
राज्य मंत्री ने कहा कि मंत्रियों की गाड़ी से लाल बत्ती उतरने को कोई चाहे जिस रूप मे ले, लेकिन इससे वह बेहद खुश है, क्योंकि इससे उन्हें प्राइमरी स्कूलों में केवल इमला और पहाड़ा पढ़ाये जाने की संस्कृति को रोकने में मदद मिल रही है। मंत्री जायसवाल ने कहा कि उन्होंने कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। गाड़ी में लाल बत्ती लगी होने की वजह से शिक्षक जान जाते थे और एक कमरे में वे इमला बोलने लगते थे, जबकि दूसरे कमरे में बच्चे पहाड़ा पढ़ने लगते थे।
उन्होंने 50 से अधिक स्कूलों का निरीक्षण किया, लेकिन ज्यादातर स्कूलों में यही नजारा देखने को मिला। लाल बत्ती नहीं रहने के कारण अब अध्यापकों या अध्यापिकाओं को उनके आने का पता नहीं चल पाता। उन्होंने कहा कि अब केवल इमला या पहाड़ा की संस्कृति नहीं चलेगी। जिन विद्यालयों में यह नजारा मिलता है, उसमें सबसे पहले वह पूछती हैं कि यह समय किस विषय का है। जिस विषय का पीरियड हो वही पढ़ाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री ने मीडिया से स्वीकार किया कि बेसिक शिक्षा के हालात ठीक नहीं है। उनकी सरकार इसे दुरुस्त करने में लगी हुई है और इसके लिए जनसहभागिता बढ़ाई जा रही है। प्राइमरी स्कूलों को गोद लिये जाने की व्यवस्था शुरू की गयी है। श्रीमती जायसवाल ने बताया कि अपील का फायदा भी मिल रहा है। उनके विभाग के अपर मुख्य सचिव आर. पी. सिंह ने सबसे खराब हालत में पहुंच चुके स्कूल को गोद लिया है। लोनी में एक खण्ड विकास अधिकारी ने स्कूल को गोद लेकर उसे चमका दिया है। कई विधायकों और सांसदों ने भी उनकी अपील को गंभीरता से लिया है। वह सांसदों, विधायकों, अधिकारियों और गणमान्य नागरिकों से कम से कम एक स्कूल गोद लेने की लगातार अपील कर रही हैं।
श्रीमती जायसवाल का कहना था कि वह सेल, गेल जैसी मुनाफे वाली कंपनियों से भी इस तरह का आग्रह कर रही है। कई निजी संस्थायें उनकी अपील पर अमल करने के लिए आगे आ रही हैं।
स्कूलों की हालत खराब होने का बड़ा कारण शिक्षकों का समय से उपस्थित न होना : अनुपमा
स्कूलों में शिक्षकों के समय से आने के लिए सेल्फी व्यवस्था
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