मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की दिनांक 23 अक्टूबर, 2024 को सम्पन्न हुई समीक्षा बैठक का कार्यवृत्त जारी
उत्तर प्रदेश में 50 से कम छात्र वाले 27,764 परिषदीय विद्यालयों का दूसरे स्कूलों में होगा विलय
14 नवंबर तक सभी जिले तैयार करेंगे रिपोर्ट, आरटीइ से प्रवेश के लिए जिलों में होगा प्रचार
लखनऊ: प्रदेश के ऐसे 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जिनमें 50 से कम विद्यार्थी हैं, उनका दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा। ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूल या फिर पास की अन्य ग्राम पंचायत के विद्यालय में इनका विलय होगा। अगले शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 से इन विद्यालयों को स्थानांतरित किए जाने के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वे 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को बैठक कर ऐसे स्कूलों को सूचीबद्ध करें और पास के किस स्कूल में इनका विलय करना ठीक रहेगा, इसके लिए रिपोर्ट तैयार करें। छात्रों को दूसरे स्कूल जाने के लिए कितनी दूरी तय करनी होगी, भवन व शिक्षकों की उपलब्धता और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था, नहर, नदी, नाला इत्यादि घटकों पर विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार करना होगा।
उधर शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत इस बार प्री-प्राइमरी और कक्षा एक में मुफ्त दाखिले के लिए एक दिसंबर से ही प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में उसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। बस व स्टेशन के साथ-साथ जिलों में महत्वपूर्ण स्थान पर होर्डिंग और पोस्टर इत्यादि लगवाए जाएंगे। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और बीएसए कार्यालय में अभिभावकों के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। स्कूलों में डिजिटल रजिस्टर का शत प्रतिशत प्रयोग किए जाने पर भी पूरा जोर दिया जाएगा।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से 18 से 23 नवंबर तक होने वाले निपुण मूल्यांकन टेस्ट की तैयारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। चार दिसंबर को होने वाले परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के लिए कक्षा तीन और कक्षा छह के विद्यार्थियों की तैयारी करने के लिए प्रत्येक शनिवार को अभ्यास टेस्ट होगा।
कई जिलों ने राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए इस बार सिर्फ एक या थे। फिर दो शिक्षकों के नाम ही भेजे उनमें से एक भी शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित नहीं हुआ। ऐसे में इस स्थिति पर सख्त नाराजगी जताई गई है और सभी जिलों के बीएसए को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों के नाम राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए भेजने को अभी से तैयारी शुरू करें
50 से कम नामांकन वाले विद्यालय होंगे मर्ज विद्यालय की दूरी, भवन व शिक्षक की उपलब्धता आदि की रिपोर्ट बनाने के निर्देश
जर्जर परिषदीय विद्यालयों का एक महीने में कराना होगा ध्वस्तीकरण
शिक्षक अटेंडेंस छोड़कर अन्य रजिस्टर होंगे डिजिटल
लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की कम होती संख्या को लेकर ऐसे विद्यालयों का पास के विद्यालयों में संविलियन (मर्ज) कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों को चिह्नित कर उनके पास के विद्यालय में भेजने को लेकर सभी जिलों में रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, जर्जर विद्यालयों को भी एक महीने में ध्वस्त कराने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है।
हाल ही में सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बेसिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक में यह जानकारी दी गई कि इस सत्र में बच्चों की संख्या 1.49 करोड़ है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा विद्यालयों को पूर्ण रूप से क्रियाशील व औचित्यपूर्ण बनाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने अपेक्षा की है कि कम नामांकन वाले विद्यालयों का पास के अन्य विद्यालयों में मर्ज करने की संभावना देख ली जाए।
50 से कम नामांकन वाले प्राथमिक विद्यालयों से जुड़ी प्रक्रिया प्राथमिकता पर पूरी की जाए। इसे ध्यान में रखकर कार्ययोजना तैयार की जाए कि उस ग्राम पंचायत में मानक विद्यालय है या नहीं। किस विद्यालय को पास के अन्य विद्यालय में मर्ज किया जा सकता है। बच्चों को कितनी दूरी तय करनी होगी, भवन व शिक्षकों, परिवहन की उपलब्धता, नहर, नाला, सड़क या हाईवे आदि को देखते हुए हर विद्यालय के लिए रिपोर्ट तैयार की जाए।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि ऐसे सभी विद्यालयों के बारे में जिले की एक संयुक्त बुकलेट तैयार की जाए। ताकि 13 या 14 नवंबर को बीएसए की प्रस्तावित बैठक में इस पर चर्चा की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि अभियान चलाकर जर्जर विद्यालयों के भवनों का ध्वस्तीकरण एक महीने में किया जाए। यदि विद्यालय का भवन जर्जर है लेकिन पढ़ाई के लिए पर्याप्त संख्या में क्लास हैं तो फिर भवन पुर्ननिर्माण के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा जाएगा।
शिक्षक अटेंडेंस छोड़कर अन्य रजिस्टर होंगे डिजिटल
परिषदीय विद्यालयों में एक बार फिर से शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस छोड़कर अन्य व्यवस्थाओं से जुड़ी जानकारी डिजिटल रजिस्टर पर अपडेट की जाएंगी। बीएसए की बैठक में इस बाबत निर्देश दिए गए हैं। छात्र उपस्थिति व मिड डे मील का डाटा डिजिटल पंजिका से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया लेकिन अक्तूबर में सीतापुर, प्रयागराज, कौशांबी, भदोही, अलीगढ़, हापुड़ व बुलंदशहर में ही इस पर काम किया गया है। महानिदेशक ने निर्देश दिया कि डिजिटल पंजिका के माध्यम से छात्र-छात्राओं की उपस्थिति व एमडीएम संबंधी डाटा डिजिटल पंजिका पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की दिनांक 23 अक्टूबर, 2024 को सम्पन्न हुई समीक्षा बैठक का कार्यवृत्त जारी
No comments:
Post a Comment