अफसरों की अलग-अलग टीमें बनाई, उप्र में मदरसों के मानकों की फिर होगी जांच

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उनके मानकों की फिर जांच कराने जा रही है। इसके लिए अफसरों की अलग-अलग टीमें बनाई गईं हैं। इन अफसरों को मंडल आवंटित कर दिए गए हैं। मदरसा शिक्षा परिषद के वेब-पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने वाले मदरसों के मानकों की यह टीम बारीकी से जांच करेगी। इन अफसरों की रिपोर्ट के बाद ही वेब-पोर्टल पर मदरसों का डाटा लॉक किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे के सभी मदरसों को मदरसा शिक्षा परिषद के वेब-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं। रजिस्ट्रेशन न कराने वाले मदरसों को भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, इसमें रजिस्टर्ड होने वाले मदरसों के डाटा ठीक हों, इसके लिए मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार के डिजिटल सिग्नेचर से इसे लॉक किया जाएगा लेकिन, इस डाटा को लॉक करने से पहले सभी मदरसों के मानकों का बारीकी से परीक्षण किया जाएगा।

इसके लिए निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एनपी पांडेय ने चार अफसरों की अलग- अलग टीमें बना दी हैं। इन अफसरों को मंडल भी आवंटित कर दिए हैं।

ये अफसर अपने मंडल के जिस जिले के मदरसों की जांच करेंगे वहां के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी जांच टीम में साथ होंगे। इन्हें वेब-पोर्टल पर अपलोड डाटा का बारीकी से परीक्षण करना है। नवंबर अंत तक सभी अफसरों को इन मदरसों की जांच कर रिपोर्ट सौंपनी है। इसमें यह भी संस्तुति करनी होगी कि मदरसे का विवरण वेब-पोर्टल पर लॉक किया जाए या नहीं


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