प्रश्नपत्र तैयार करने वालों पर होगी कार्रवाई, प्राइमरी शिक्षकों के कड़े विरोध के बाद आखिरकार बोर्ड की तरफ से भी कार्रवाई हुई शुरू
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा के दौरान अंग्रेजी के प्रश्नपत्र में पूछे गए एक सवाल पर विवाद बढ़ने लगा है। अंग्रेजी के प्रश्नपत्र में बच्चों से जिलाधिकारी को पत्र लिखकर प्राइमरी के शिक्षक के कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत को विषय बनाया गया था, इस मामले में प्राइमरी शिक्षकों के कड़े विरोध के बाद आखिरकार बोर्ड की तरफ से भी कार्रवाई शुरू हो गई है।
बोर्ड सचिव ने प्रश्नपत्र और उसमें पूछे गए इस प्रकार के प्रश्न को लेकर उसे तैयार करने वाले संबंधित शिक्षक और समन्वयक से जवाब मांगा है। इसके लिए बोर्ड में आकर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया है, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की गड़बड़ी निंदनीय है, इसको लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, पेपर तैयार करने वाले शिक्षक और समन्वयक का जवाब मिलने के बाद उसे परीक्षा समिति के सामने रखा जाएगा, इसके बाद दोषियों के खिलाफ अधिनियम के अन्तर्गत किया जाएगा। इसमें दोषियों को डिबार करने या उनके पारिश्रमिक को रोकने की सजा का प्रावधान है, दोनों में कोई भी कार्रवाई परीक्षा समिति ही कर सकती है।
इसलिए बोर्ड की तरफ से कार्रवाई करने की संतुति परीक्षा समिति को भेजी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति व शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. अवध नरेश शर्मा भी सोमवार को बोर्ड मुख्यालय पहुंचे थे। इस प्रकार की गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है।
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