एनसीईआरटी की योजना : सरकार ने शुरू की आठवीं तक के लिए नए पाठ्यक्रम की तैयारी, स्कूली बच्चों में छठी से ही बोएंगे व्यवसाय के बीज
सरकार चाहती है कि आने वाली पीढ़ी नौकरी के ही भरोसे न रहे
बच्चों में अब 11-12 साल की उम्र से ही व्यवसाय के बीज रोपे जाएंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी अकेले नौकरी के ही भरोसे न रहे। सरकार ने स्कूलों में इसको लागू करने की एक बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत बच्चों को छठीं क्लास से ही व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी। इस दौरान इसका कोर्स बिल्कुल ऐसा होगा, ताकि बच्चों में इस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर रुचि पैदा हो सके। अभी स्कूलों में इसकी पढ़ाई नौवीं क्लास से दी जाती है।
योजना के तहत केंद्रीय विद्यालयों में इसकी पढ़ाई इसी सत्र से शुरू की जा सकती है। हालांकि इसको लेकर अभी एनसीईआरटी और मंत्रलय के बीच अंतिम दौर की चर्चा होनी बाकी है। योजना के तहत व्यावसायिक कोर्स को छठवीं से लागू करने के पीछे जो तर्क है कि नौवीं तक आते-आते ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई और आगे के क्षेत्र को लेकर मानसिक रूप से तैयार हो चुके होते हैं। बाद में वह उसी दिशा में आगे बढ़ जाते हैं। इसके चलते व्यवसायिक शिक्षा का उन पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ पाता है। सूत्रों की मानें तो एनसीईआरटी ने इन पहलुओं को देखते हुए बच्चों को अब छठवीं से ही इसकी पढ़ाई कराने की योजना बनाई है। योजना के तहत बच्चों को इस दौरान सिर्फ इस विषय की प्रारंभिक जानकारी दी जाएगी। ताकि उनके व्यवसायिक क्षेत्र में बढ़ने का रुझान पैदा हो सके। एनसीईआरटी इसके तहत छठवीं से आठवीं तक के लिए एक नया पाठ्यक्रम डिजाइन करने में जुटा है। गौरतलब है कि सरकार का फोकस इन दिनों युवाओं को पढ़ाई के बाद स्टार्टअप जैसे कारोबार से जोड़ने को लेकर है।’
केंद्रीय विद्यालयों में इसी सत्र से शुरू हो सकती है इसकी पढ़ाई
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