परिषदीय विद्यालयों में बढ़ेंगी आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास
परिषदीय विद्यालयों में बढ़ेंगी आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास, कम छात्र होने की वजह से नहीं मिल पाता है इसका लाभ
18 जून 2025
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के कम नामांकन वाले परिषदीय स्कूलों के बच्चों को शिफ्ट करने का असर स्कूलों के संसाधनों पर भी पड़ेगा। एक तरफ स्कूलों में उपलब्ध वर्तमान संसाधनों का तो बेहतर प्रयोग होगा तो दूसरी ओर आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास की संख्या भी बढ़ेगी। बता दें कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से बेहतर नामांकन वाले विद्यालयों को बजट दिया जाता है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बजट दिया जाता है। इस क्रम में 75 छात्र नामांकन वाले उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में स्मार्ट क्लास व 125 छात्र नामांकन वाले उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में आईसीटी लैब के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमोदन दिया है।
उन्होंने कहा है कि कम छात्र-नामांकन वाले विद्यालयों को आईसीटी सुविधाओं का लाभ देने के लिए संसाधनों का साझा और समन्वित प्रयोग छात्रहित में है। एक निर्धारित समय सारिणी से इन विद्यालयों के छात्र-छात्राएं संसाधनों का बेहतर प्रयोग कर सकेंगे। सभी छात्रों को समान अवसर मिलेगा।
इतना ही नहीं पर्याप्त छात्र नामांकन होने से छात्र-छात्राओं में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी होगी। उन्होंने कहा है कि एक परिसर में विस्तृत शैक्षणिक व अवस्थापना सुविधाएं बेहतर होंगी तो नामांकन भी बढ़ेगा। अभिभावक ऐसे स्कूलों में अपने बच्चों को भेजेंगे। एक ही परिसर में सभी कक्षाओं के अलग-अलग चलने से गुणवत्ता बढ़ेगी और ड्रॉप आउट दर में भी कमी आएगी।
स्मार्ट क्लास से बदल रहे नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूल, 2700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना शुरू, 1780 कक्षाएं अब पूरी तरह संचालित
14 जून 2025
लखनऊ : नगर विकास विभाग ने प्रदेश के शहरी परिषदीय स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है। विभाग ने 324.56 करोड़ रुपये की लागत से 2,700 से अधिक स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना शुरू की, जिनमें 1,780 कक्षाएं अब पूरी तरह संचालित हो रही हैं।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत सर्वाधिक 1,183 क्लास रूम बनाए गए, जिनमें से 1,088 चालू हैं। 'कायाकल्प' और 'आकांक्षी नगर' योजना सहित अन्य योजनाओं से भी यह अभियान तेज हुआ है। स्मार्ट क्लास में डिजिटल बोर्ड, हाई-स्पीड इंटरनेट और मल्टीमीडिया कंटेंट जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे छात्रों की उपस्थिति और सीखने की क्षमता में सुधार हुआ है।
प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि इन प्रयासों से परिषदीय स्कूलों में नामांकन दर 59.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा है। आगे 398 और कक्षाओं को मंजूरी दी गई है। यह पहल न सिर्फ छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बना रही है, बल्कि शहरी शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठा रही है।
परिषदीय विद्यालयों में बढ़ेंगी आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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5:56 AM
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